दिल्ली एम्स के अधिकारी की बहन के अंगों से चार व्यक्तियों को नया जीवन मिला

By भाषा | Published: October 2, 2022 09:40 PM2022-10-02T21:40:47+5:302022-10-02T21:40:47+5:30

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण संगठन की व्यवस्था के अनुसार चौधरी का दिल, एक किडनी और कॉर्निया एम्स के मरीजों को दान किए गए, जबकि उनके लिवर का इस्तेमाल सेना के आरआर अस्पताल में किया जाएगा। उनकी दूसरी किडनी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज को दी गई।

Four people get new life from the organs of Delhi AIIMS officer's sister | दिल्ली एम्स के अधिकारी की बहन के अंगों से चार व्यक्तियों को नया जीवन मिला

दिल्ली एम्स के अधिकारी की बहन के अंगों से चार व्यक्तियों को नया जीवन मिला

Highlightsस्नेहलता चौधरी का दिल, एक किडनी और कॉर्निया एम्स के मरीजों को दान किए गएजबकि उनके लिवर का इस्तेमाल सेना के आरआर अस्पताल में किया जाएगाउनकी दूसरी किडनी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज को दी गई

नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक वरिष्ठ अधिकारी की बहन को कुछ दिन पहले ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया था जिसके अंगदान से चार लोगों को नया जीवन और दो को दृष्टि मिली है। यहां एम्स प्रशासन के अतिरिक्त निदेशक के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी रवींद्र अग्रवाल की बहन स्नेहलता चौधरी को पिछले महीने सुबह की सैर के दौरान सिर में गंभीर चोट लग गई थी। 

इस संबंध में एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि 63 वर्षीय चौधरी का पहले झारखंड के जमशेदपुर में सिर की चोट के लिए ऑपरेशन किया गया था और फिर आगे के इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया। चौधरी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक थीं और पिछले 25 वर्षों से नियमित रूप से सुबह की सैर के लिए जाती थीं। 

चिकित्सक ने कहा, ‘‘तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ और 30 सितंबर को उन्हें ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया। वह एक गृहिणी और सामाजिक कार्यकर्ता थीं।’’ चिकित्सक ने कहा, ‘‘वह नेत्रदान अभियान की प्रबल समर्थक थीं और उन्होंने जीवन भर अंगदान का समर्थन किया। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के लिए भी क्वालीफाई किया था।’’ 

राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण संगठन की व्यवस्था के अनुसार चौधरी का दिल, एक किडनी और कॉर्निया एम्स के मरीजों को दान किए गए, जबकि उनके लिवर का इस्तेमाल सेना के आरआर अस्पताल में किया जाएगा। उनकी दूसरी किडनी राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक मरीज को दी गई। चिकित्सक ने कहा कि फॉरेंसिक मेडिसिन टीम ने ‘वर्चुअल ऑटोप्सी’ और अंग निकालने के दौरान पोस्टमॉर्टम भी किया। एक नौकरशाह के परिवार के एक सदस्य द्वारा अंगदान ऐसे समय में किया गया है जब सरकार इस मुद्दे पर जागरूकता उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। 

चिकित्सक ने कहा, ‘‘अप्रैल से, दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में 12 दान हुए हैं, जो 1994 के बाद से यहां सबसे अधिक है। ट्रॉमा सेंटर की टीम ने ‘ब्रेन डेथ’ प्रमाणन और अंग प्राप्त करने की प्रक्रियाओं में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे अंग दान के मामलों में निरंतर वृद्धि हुई है।’’
 

Web Title: Four people get new life from the organs of Delhi AIIMS officer's sister

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