लाइव न्यूज़ :

यूपी-उत्तराखंड के पूर्व CM एनडी तिवारी का 93 साल की उम्र में निधन, दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ली आखिरी सांस

By रामदीप मिश्रा | Updated: October 18, 2018 19:26 IST

Former UP and Uttarakhand CM ND Tiwari passes away (एनडी तिवारी का निधन):भारतीय राजनीति में नारायण दत्त तिवारी काफी चर्चित चेहरा रहे हैं। उन्हें लोग अक्सर एनडी तिवारी के नाम से बुलाते हैं। उनका जन्म 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था।

Open in App

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी (एनडी तिवारी) का गुरुवार (18 अक्टूबर) को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में 93 साल की उम्र में निधन हो गया। बता दें, तिवारी लंबे समय से बिमार चल रहे थे।मिली जानकारी के अनुसार, एनडी तिवारी ने दिल्ली के साकेत के मैक्स अस्पताल में दिन के करीब ढाई बजे अंतिम सांस ली। उनका आज दिन्मदिन भी था। वह दो राज्यों के सीएम रहे हैं।एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर, 1925 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था, जोकि वन विभाग में अधिकारी थे। 

भारतीय राजनीति के रहे चर्चित चेहरे

भारतीय राजनीति में नारायण दत्त तिवारी काफी चर्चित चेहरा रहे हैं। उन्हें लोग अक्सर एनडी तिवारी के नाम से बुलाते हैं। उनका जन्म 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पूर्णानंद तिवारी था, जोकि वन विभाग में अधिकारी थे। पिता के अधिकारी होने की वजह से घर की आर्थिक स्थिति अच्छी रही, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपने भविष्य में आर्थिक संटक का सामना नहीं करना पड़ा।   

ब्रिटिश सरकार ने जेल में डाला

बताया जाता है कि एनडी तिवारी के पिता आजादी की लड़ाई में शामिल थे और उन्होंने अपने पिता की तरह की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें 1942 में ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ काम करने के आरोप गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जेल भेज दिया गया। यहां उनके पिता पूर्णानंद तिवारी पहले से ही बंद थे। उन्हें ब्रिटिश सरकार ने करीब 15 महीने जेल में रखा और 1944 में वह जेल से बाहर आए।

यहां की एनडी तीवारी ने पढ़ाई शिक्षा

जेल से बाहर आने के बाद एनडी तिवारी अपनी पढ़ाई को आने बढ़ाया। इस दौरान उनके पिता का ट्रांसफर होने की वजह से पढ़ाई में उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ा क्योंकि एक से दूसरे शहर में रहते हुए उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ी। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय राजनीतिशास्त्र में एमए की। साथ ही साथ एलएलबी की डिग्री भी हासिल की। इसी दौरान 1947 में उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र यूनियन के अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद से ही वह भारतीय राजनीति के सफर पर निकल पड़े। यही उनके जीवन पहली सियासी सीढ़ी मानी जाती है। 

टॅग्स :नारायण दत्त तिवारीदिल्ली
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा