NIPFP के चेयरमैन बनाए गए रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल, केलकर का लेंगे स्थान
By भाषा | Published: June 20, 2020 04:32 AM2020-06-20T04:32:25+5:302020-06-20T04:32:25+5:30
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल नैरोबी, के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और येल विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है।
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) का चेयरमैन बनाया गया है। आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि पटेल 22 जून से यह पद संभालेंगे। वह विजय केलकर का स्थान लेंगे। केलकर ने एक नवंबर, 2014 को संस्थान के चेयरमैन का पद संभाला था। एनआईपीएफपी ने बयान में कहा, ‘‘हमें इस बात की खुशी है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल 22 जून, 2020 से चार साल के लिए संस्थान के चेयरपर्सन के रूप में हमसे जुड़ रहे हैं।’’
एनआईपीएफपी ने निर्वतमान चेयरमैन डा. विजय लक्ष्मण केलकर के योगदान के लिए उनका आभार भी जताया है। बयान में कहा गया है कि केलकर ने संस्थान को मौजूदा स्तर की वृद्धि और दक्षता तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया। उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर, 2018 को अचानक केंद्रीय बैंक के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय बैंक के बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक से पहले दिया था। इस बैठक में केन्द्रीय बैंक के सरकार के साथ मतभेदों को दूर करने पर बातचीत होनी थी। पटेल वर्ष 1990 के बाद रिजर्व बैंक के ऐसे पहले गवर्नर रहे हैं जिन्होंने अपना तय कार्यकाल पूरा होने से पहले केंद्रीय बैंक से इस्तीफा दे दिया। अपने इस फैसले के लिए उन्होंने ‘निजी कारणों’ का हवाला दिया था।
रथिन रॉय ने एनआईपीएफपी के निदेशक पद से दिया इस्तीफा
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के पूर्व सदस्य रथिन रॉय ने गुरुवार (18 जून) को एनआईपीएफपी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। इस बारे में रॉय से संपर्क नहीं हो पाया। एनआईपीएफपी में निदेशक के रूप में रॉय का कार्यकाल मई, 2013 में शुरू हुआ था। रॉय का दूसरा कार्यकाल 2023 में समाप्त होना था। उर्जित पटेल का रिजर्व बैंक में तीन साल का कार्यकाल सितंबर, 2019 में पूरा होना था। वह दूसरे कार्यकाल के लिए भी पात्र थे।
2013 में उर्जित पटेल को बनाया गया था रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर
रिजर्व बैंक में ज्यादातर गवर्नरों को दूसरा कार्यकाल मिलता रहा है। हालांकि, बेबाकी से अपनी राय रखने वाले पटेल के पूर्ववर्ती रघुराम राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिला था। शुरुआत में पटेल को मिंट स्ट्रीट में सरकार का आदमी माना जाता था। लेकिन दो साल से भी कम समय में उन्होंने अपनी इस छवि को तोड़ दिया और केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर अपनी आवाज उठाने लगे। पटेल, नैरोबी, के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और येल विश्वविद्यालय में पढ़े हैं। वर्ष 2013 तक वह केन्या के नागरिक थे। उन्हें जनवरी, 2013 में रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर बनाया गया। उससे पहले उन्होंने भारतीय नागरिकता ले ली थी।