पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल

By भाषा | Published: July 5, 2021 08:16 PM2021-07-05T20:16:41+5:302021-07-05T20:16:41+5:30

Former President Pranab Mukherjee's son Abhijit joins Trinamool Congress | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत तृणमूल कांग्रेस में शामिल

कोलकाता, पांच जुलाई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र और कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने सोमवार को यहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे मुखर्जी की बीते कुछ सप्ताह से इस संबंध में तृणमूल नेतृत्व से बात चल रही थी। ‘ममता बनर्जी जिंदाबाद’ के नारों के बीच लोकसभा में तृणमूल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पार्टी में उनका स्वागत किया।

मुखर्जी ने कहा, “दीदी पश्चिम बंगाल में भाजपा को रोकने में सफल रहीं। वह देश में सबसे विश्वसनीय धर्मनिरपेक्ष नेता हैं जो सांप्रदायिक भाजपा से लड़कर उसे हरा सकती हैं। मैंने एक कांग्रेस को दूसरी में शामिल होने के लिये छोड़ा है। हमें पक्का भरोसा है कि भविष्य में हम पूरे भारत में भगवा खेमे को रोकेंगे।”

पार्टी में शामिल हुए नेता ने कहा कि वह विधानसभा चुनावों से पहले से ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के संपर्क में थे, अगर वह चुनावों से पहले तृणमूल में शामिल होते तो यह आशय लगाया जाता कि उन्होंने किसी पद के लिये पाला बदल लिया।

मुखर्जी ने कहा, “मुझे किसी पद की लालसा नहीं। मैं जमीनी कार्यकर्ता हूं। मेरे पास कांग्रेस में कोई पद नहीं था बल्कि उसकी प्राथमिक सदस्यता थी जो हर तीन साल में खत्म हो जाती है। अब में टीएमसी का प्राथमिक सदस्य बन गया हूं और अब यह पार्टी पर है कि वह जिस तरह चाहे मेरी सेवाओं का उपयोग करे।”

राजनीति में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए मुखर्जी ने कहा कि वह 2011 के ऐतिहासिक विधानसभा चुनावों में बीरभूम जिले के नलहाटी निर्वाचन क्षेत्र से जीत का श्रेय लेने के हकदार नहीं है और उनकी जीत ममता बनर्जी की लहर के कारण हुई थी जिन्होंने राज्य से वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था।

उन्होंने कहा, “उसी तरह, जिस तरह दीदी ने इस साल भगवा खेमे के विधानसभा चुनाव जीतने के हर तरह के प्रयास के बावजूद सांप्रदायिक भाजपा को हराया, उन्होंने कई कांग्रेसी नेताओं समेत पूरे देश का सम्मान हासिल किया।”

अपनी बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी के सियासी झुकाव के बारे में उन्होंने कहा, “वह एक स्वतंत्र व्यक्ति हैं। यह हमेशा से हमारे परिवार की परंपरा रही है। मेरे पिता ने कभी भी कांग्रेस में शामिल होने के लिये मुझ पर प्रभाव का उपयोग नहीं किया।”

कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, “दुखद।” उन्होंने और कुछ नहीं लिखा।

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि अभिजीत मुखर्जी की राजनीतिक कुशाग्रता और दूरदर्शिता भविष्य में “भाजपा मुक्त भारत” सुनिश्चित करने में हमारी मदद करेगी।

उन्होंने कहा, “हम प्रणब दा के बेटे अभिजीत को ममता बनर्जी की सहमति से टीएमसी में शामिल कर रहे हैं। उन्होंने अभिषेक बनर्जी के जरिये पार्टी में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी।”

चटर्जी ने कहा, “हम सांप्रदायिक, अलोकतांत्रिक और फासीवादी ताकतों के शिलाफ उनकी सेवाओं का उचित उपयोग करना चाहेंगे। वह प्रणब मुखर्जी के बेटे हैं जो कई मामलों में हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। वह ऐसे राजनेता हैं जिनकी धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील राजनीति में जड़ें काफी गहरी हैं।”

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह उनका फैसला है, मैं इसमें क्या कह सकता हूं? जिन लोगों ने तृणमूल में शामिल होने के लिये कांग्रेस छोड़ने का सोचा यह पूरी तरह से उनका खुद का फैसला है।

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Web Title: Former President Pranab Mukherjee's son Abhijit joins Trinamool Congress

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