पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार ने की खुदकुशी, जानिए क्या लिखा सुसाइड नोट में, पुलिस जांच में जुटी
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 7, 2020 09:06 PM2020-10-07T21:06:39+5:302020-10-07T21:56:55+5:30
शिमला के एसपी मोहित चावला ने कहा कि मणिपुर और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीबीआई डायरेक्टर अश्वनी कुमार ने अपनी आवास में खुदकुशी कर ली।
शिमलाः मणिपुर और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीबीआई डायरेक्टर अश्वनी कुमार ने अपनी आवास में खुदकुशी कर ली। कुमार डीजीपी और सीबीआई के प्रमुख भी रह चुके हैं।
शिमला के एसपी मोहित चावला ने कहा कि शिमला स्थित अपने आवास में फंदा लगाकर की खुदकुशी कर ली है। पुलिस सूत्रों के अनुसार शिमला स्थित ब्राक हास्ट में आवास में उनका शव लटका पाया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक एवं नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्वनी कुमार बुधवार को शिमला स्थित अपने आवास में फंदे से लटके पाये गए। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। कुमार 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी।
कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था
कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था। अधिकारियों ने बताया कि कुमार बाद में नगालैंड के राज्यपाल बने थे। कुमार अभी शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति थे। अधिकारियों ने बताया कि 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार का शव बुधवार शाम में शिमला स्थित उनके आवास में फंदे से लटका मिला।
फिलहाल एसपी शिमला मोहित चावला की अगुवाई में पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद है और मामले में जांच कर रही है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिनमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं। खुदकुशी की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है।
अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था
70 वर्षीय अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था। वह आईपीएस अधिकारी थे और सीबीआई व एसपीजी में विभिन्न पदों पर रहे। अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच वह सीबीआई के निदेशक रहे। अश्वनी कुमार सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख थे जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के वीसी भी रहे। कुमार मणिपुर और नागालैंड राज्य के राज्यपाल भी रहे थे। इससे पहले कुमार अगस्त 2006 से जुलाई 2008 तक पुलिस महानिदेशक थे, बाद में वह सीबीआई के निदेशक भी बने और वह इस पद पर 2 साल से ज्यादा समय तक रहे।
हाई प्रोफाइल आरुषि हत्याकांड की जांच करने वाले सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार बुधवार को अपने शिमला स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके पाये गये। अधिकारियों को संदेह है कि कुमार ने आत्महत्या की है। अधिकारियों ने बताया कि 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार (69) बुधवार शाम छोटा शिमला के पास ब्रोकहॉर्स्ट स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके मिले। हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडु, शिमला के पुलिस अधीक्षक मोहित चावला और पुलिस के अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। फॉरेंसिक विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गयी है।
सुसायड नोट मिला है जिसपर उन्होंने लिखा है कि वह एक नयी यात्रा पर जा रहे हैं
राज्य पुलिस प्रमुख कुंडु ने बताया, ‘‘हमें एक सुसायड नोट मिला है जिसपर उन्होंने लिखा है कि वह एक नयी यात्रा पर जा रहे हैं। उनके परिवार के सदस्य उस वक्त घर में ही थे, जब वह कमरे में गए। उन्होंने कमरा भीतर से बंद किया और नायलोन की रस्सा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार को किसी गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है। हमने कमरे में रखी चीजों को जब्त कर लिया है। पोस्टमॉर्टम बृहस्पतिवार की सुबह होगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि पिछले छह महीने में कुमार के सक्रिय जीवन में आया ठहराव, उनका अचानक यूं घर में बंद होकर रह जाना आत्महत्या का कारण जान पड़ता है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। उनके पड़ोसियों में से एक ने बताया कि कुमार हमेशा की तरह शाम को टहलने गए थे। घर आने के बाद वह बरसाती में गए। पड़ोसी ने बताया कि परिवार को कोई सदस्य उन्हें रात के भोजन के लिए बुलाने बरसाती में गया था, उसी ने सबसे पहले उनका शव देखा।
कुमार के परिवार में पत्नी और बेटा हैं। कुमार के पुराने सहकर्मी और मौजूदा अधिकारी भी उन्हें मृदुभाषी और हमेशा मुस्कुराते रहने वाला व्यक्ति बताते हैं। हिमाचल प्रदेश के नाहन के रहने वाले कुमार 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी।
कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था। उस दौरान आरुषी हत्याकांड लगभग रोज सुर्खियों में रहता था। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार खास दस्ता विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के साथ भी काम किया है।
संप्रग सरकार ने 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया था। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख कुमार वर्तमान में शिमला के एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति थे।