चीन का मुकाबला करने के लिए पूर्व राजनयिक ने भारत में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया

By भाषा | Updated: October 24, 2021 18:44 IST2021-10-24T18:44:28+5:302021-10-24T18:44:28+5:30

Former diplomat stresses on promoting Buddhist tourism in India to counter China | चीन का मुकाबला करने के लिए पूर्व राजनयिक ने भारत में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया

चीन का मुकाबला करने के लिए पूर्व राजनयिक ने भारत में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया

बेंगलुरु, 24 अक्टूबर पूर्व वरिष्ठ राजनयिक जी पार्थसारथी ने रविवार को चीन का मुकाबला करने के लिये आसियान देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करने के वास्ते भारत में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिनमें से अधिकांश बौद्ध अनुयायी हैं।

म्यांमा का उदाहरण देते हुए पार्थसारथी ने कहा कि चीन उस देश के लिए बंगाल की खाड़ी में एक नौसैनिक बंदरगाह बना रहा है, जो भारतीय सीमाओं के लिए एक सुरक्षा चुनौती है।

हालाकि, म्यांमा में राजदूत के रूप में कार्य कर चुके पार्थसारथी ने विश्वास जताया कि म्यांमा, भारत को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु में आयोजित स्वर्णिम विजय वर्ष सम्मेलन के दौरान पार्थसारथी ने कहा, '' एक बात वे (म्यांमा के अधिकारी) कहते हैं कि हम आपको कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। आप बुद्ध की भूमि हैं और वे बुद्ध के अनुयायी हैं।''

उन्होंने कहा, '' यह पूरा क्षेत्र बौद्ध अनुयायियों से भरा हुआ है और हम इस तथ्य का पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। यहां तक कि हम लोगों को पर्यटन के लिए भारत नहीं बुला पा रहे हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने की जरूरत है।

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Web Title: Former diplomat stresses on promoting Buddhist tourism in India to counter China

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