चंपई सोरेन ने कहा- राजनीति नहीं छोड़ेंगे, नया सियासी दल बनाने का विकल्प खुला है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 21, 2024 19:31 IST2024-08-21T19:29:58+5:302024-08-21T19:31:26+5:30

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे और नया सियासी दल बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला है।

former chief minister of Jharkhand Champai Soren will not leave politics forming a new political party | चंपई सोरेन ने कहा- राजनीति नहीं छोड़ेंगे, नया सियासी दल बनाने का विकल्प खुला है

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन

Highlightsझारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगेकहा- नया सियासी दल बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला हैचंपई सोरेन ने कहा- झामुमो से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है

रांची:झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे और नया सियासी दल बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला है। सोरेन ने कहा कि वह झामुमो नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं। सोरेन ने दावा किया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को समर्पित कर दिया है। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता ने मंगलवार आधी रात के बाद सरायकेला-खरसावां जिले में अपने पैतृक गांव झिलिंगोरा पहुंचने के तुरंत बाद कहा, "यह मेरे जीवन का नया अध्याय है। मैं राजनीति नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि मुझे अपने समर्थकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है। अध्याय (राजनीति छोड़ने का) समाप्त हो गया है, मैं एक नया संगठन बना सकता हूं।"

सोरेन (67) को 1990 के दशक में पृथक राज्य बनाने की लड़ाई में उनके योगदान के लिए “झारखंड का टाइगर” उपनाम दिया गया था। झारखंड को 2000 में बिहार के दक्षिणी भाग से अलग करके बनाया गया था। चंपई सोरेन ने कहा, "झामुमो से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। यह झारखंड की धरती है...मैंने छात्र जीवन से ही संघर्ष किया है। मैंने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था." 

झामुमो नेता ने कहा कि अगर उन्हें अगली यात्रा के दौरान कोई समान विचारधारा वाला संगठन या मित्र मिल गया तो वह किसी भी संगठन से हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कहा, "मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नयी पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिल गया तो दोस्त के साथ आगे बढ़ूंगा...”। उन्होंने 18 अगस्त को ‘एक्स’ पर की गई अपनी पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, “मैंने वही पोस्ट किया जो मुझे उचित लगा। पूरा देश जानता है कि मैंने क्या सोचा।” 

भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच वरिष्ठ नेता ने कहा था कि मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें “घोर अपमान” का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें वैकल्पिक रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा। चंपई सोरेन ने कहा, “इतने अपमान के बाद, मुझे वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा।” उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के पहले सप्ताह में उनके सभी सरकारी कार्यक्रम पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी जानकारी के बिना अचानक रद्द कर दिए गए थे। उन्होंने कहा, “जब मैंने कार्यक्रम रद्द करने का कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि तीन जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और मैं तब तक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता।” 

उन्होंने पूछा, “क्या लोकतंत्र में किसी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम किसी अन्य व्यक्ति द्वारा रद्द कर दिए जाने से अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है?” सोरेन ने दावा किया कि यद्यपि मुख्यमंत्री के पास विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार था, लेकिन उन्हें बैठक के एजेंडे के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा था, “बैठक में (3 जुलाई को) मुझसे इस्तीफा देने को कहा गया। मैं हैरान रह गया। चूंकि मुझे सत्ता की कोई चाहत नहीं थी, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया। हालांकि, मेरे स्वाभिमान को गहरी ठेस पहुंची।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधायक दल की बैठक में घोषणा की थी कि “आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।” 

उन्होंने कहा, “उस दिन से लेकर अब तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।” चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया था, उनके पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन ने धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन को 28 जून को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। तीन जुलाई को उन्हें झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया, जिससे हेमंत सोरेन के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। 


(इनपुट- भाषा)
 

Web Title: former chief minister of Jharkhand Champai Soren will not leave politics forming a new political party

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