Bihar: मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कार्तिकेय सिंह ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- भूमिहार होने के कारण जलील किया गया
By एस पी सिन्हा | Published: September 1, 2022 06:45 PM2022-09-01T18:45:22+5:302022-09-01T18:58:59+5:30
कार्तिकेय सिंह ने कहा, जब राजद ने भूमिहार कोटे से महागठबंधन सरकार में मुझे मंत्री बनाया तो भाजपा के लोगों ने भूमिहार होने के कारण मुझे निशाना बनाना शुरू किया।
पटना: मंत्री पद से इस्तीफ देने के बाद कार्तिकेय सिंह ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भूमिहार होने के कारण भाजपा उन्हें निशाना बना रही थी। राजद की ओर से भूमिहार कोटे से उन्हें मंत्री बनाया था, जो भाजपा को पच नही रहा था। उन पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोप को भाजपा के लोग बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे थे। इससे निजी छवि धूमिल होने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राजद और सरकार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा था। इसलिए उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया।
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि उनका पूरा जीवन गैर विवादित रहा है। उनके पिता शिक्षक रहे हैं। वे भी 28 वर्ष तक शिक्षक रहे। बाद में वर्ष 2015 में एक अपहरण के मामले में उनका नाम घटना के नौ महीने बाद जोड़ा गया। घटना के दिन घटनास्थल से 5 किलोमीटर दूर स्थित एक गाड़ी में कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर के होने की बात कही गई, जो फर्जी तरीके से फंसाने का मामला था।
उन्होंने कहा कि इस मामले में वे कोर्ट से जमानत पर थे, लेकिन कोरोना काल में कुछ व्यवधान की वजह से कोर्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि इस वर्ष एमएलसी चुने जाने के बाद जब राजद ने भूमिहार कोटे से महागठबंधन सरकार में मुझे मंत्री बनाया तो भाजपा के लोगों ने भूमिहार होने के कारण मुझे निशाना बनाना शुरू किया। जानबूझकर मेरे नाम को घसीटा गया है। पिछले 15 दिनों से इसे भाजपा के लोग गलत तरीके से पेश करते रहे।
उन्होंने कहा कि मोकामा से पिछले 17 साल से विधायक रहे अनंत सिंह से उनकी नजदीकियां हैं, यह सच है। इतना ही नहीं अनंत सिंह के भाई भी मोकामा के विधायक रहे और वे उनसे भी परिचित रहे क्योंकि उनका पैतृक गांव मोकामा में है। लेकिन इससे उनके किसी अपराध में संलिप्त होने का सवाल नहीं उठता।
जब पत्रकारों ने कार्तिकेय कुमार से ये पूछा कि क्या विभाग बदल दिए जाने से आपको कोई नाराज़गी थी, तो जवाब में पूर्व मंत्री ने कहा की मुझे इससे कोई नाराजगी नहीं थी। सरकार ने मुझपर भरोसा जताते हुए मुझे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी थी और इसको मैं ईमानदारी से निभाना चाहता था। लेकिन, भाजपा के नेता मेरी छवि खराब करने की हर संभव कोशिश कर रहे थे। यही वजह है कि मैंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। अदालत की पर पूरा भरोसा है और अदालती फैसला आने के बाद फिर से पार्टी जो भी जवाबदेही और जिम्मेदारी देगी उसे निभाऊंगा।