पॉंचों राज्यों में चुनाव हारेगी कांग्रेस! सुषमा स्वराज ने कहा- पीएम मोदी के नहीं राहुल के धर्म पर संशय
By पल्लवी कुमारी | Published: December 1, 2018 04:14 PM2018-12-01T16:14:11+5:302018-12-01T16:14:11+5:30
सुषमा स्वराज ने कहा, कांग्रेस में आत्मविश्वास की कमी है, इसलिए वो इस तरीके की बात कह रहे हैं। वो कौन होते हैं देश के पीएम कैसे हिन्दू हैं, पूछने वाले?
नेताओ के जाति और धर्म पर विवाद खत्म होने का नाम ही ले रहा है। ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैसे हिंदू हैं...?'' ये बात राहुल गांधी ने राजस्थान की चुनावी रैली उदयपुर में कही। इसका पलटवार करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि पीएम मोदी के नहीं बल्कि राहुल गांधी का क्या धर्म है इसपर संशय और मतभेद है।
पॉंचों विधान सभा चुनाव हारेगी बीजेपी
सुषमा स्वराजा ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस पॉंचों विधान सभा चुनाव में गलत तरीके से हारने वाली है। बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में विधान सभा चुनाव हैं, जिसके नतीजे 11 दिसम्बर को आने वाले हैं।
सुषमा स्वराज ने कहा- कांग्रेस में आत्मविश्वास की कमी
सुषमा स्वराज ने कहा, कांग्रेस में आत्मविश्वास की कमी है, इसलिए वो इस तरीके की बात कह रहे हैं। वो कौन होते हैं देश के पीएम कैसे हिन्दू हैं, पूछने वाले? अब राहुल गांधी को बताना पड़ेगा कि पीएम मोदी कैसे हिंदू है... कांग्रेस इस तरह के बयान देकर गंदी राजनीति कर रहे हैं।
राहुल गांधी का आरोप- पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक आस्ति (एसेट) में बदल दिया
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ‘सैन्य फैसले’ को भी ‘राजनीतिक संपत्ति’ बना दिया है साथ ही उन्होंने नोटबंदी को ऐसा घोटाला बताया जिसका उद्देश्य छोटे कारोबारियों और दुकानों की रीढ़ तोड़ना था। कांग्रेस अध्यक्ष ने शनिवार को यहां एक संवाद कार्यक्रम में बैंकों की ‘गैर निष्पादित आस्तियों’ (एनपीए) को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने जब मोदी जी को सरकार सौंपी तब एनपीए दो लाख करोड़ रुपये था जो चार साल में बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये हो गया।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीति ‘मुद्दा’ बनाने का आरोप लगाया और कहा,‘‘ प्रधानमंत्री ने सेना के अधिकार क्षेत्र (डोमेन) में घुसते हुए उनकी सर्जिकल स्ट्राइक को राजनीतिक आस्ति (एसेट) में बदल दिया जबकि वास्तव में यह एक सैन्य फैसला था।’’
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)