Flashback 2019: महाराष्ट्र में बारिश ने तबाही मचाई, 80 से अधिक लोगों की मौत, सेना को आना पड़ा

By भाषा | Published: December 26, 2019 01:09 PM2019-12-26T13:09:24+5:302019-12-26T13:09:24+5:30

वर्षा जनित हादसों में यहां 80 से अधिक लोगों ने जान गंवा दी और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। अगस्त और सितंबर के महीने में सांगली, कोल्हापुर, पुणे और सतारा समेत पश्चिमी महाराष्ट्र के कई जिलों में बाढ़ आई और फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा।

Flashback 2019: rains wreak havoc in Maharashtra, killing more than 80 people, army takes over | Flashback 2019: महाराष्ट्र में बारिश ने तबाही मचाई, 80 से अधिक लोगों की मौत, सेना को आना पड़ा

सांगली और कोल्हापुर में सात से आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

Highlightsकोल्हापुर और सांगली की 55 से अधिक तहसीलें बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई। बारिश और बाढ़ के कारण कई गांवों में जगह-जगह फंसे लोगों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना को आना पड़ा।

चिलचिलाती गर्मी के बाद मानसून का मौसम आमतौर पर राहत लेकर आता है लेकिन इस बार पश्चिमी महाराष्ट्र में बारिश ने बहुत तबाही मचाई।

वर्षा जनित हादसों में यहां 80 से अधिक लोगों ने जान गंवा दी और लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। अगस्त और सितंबर के महीने में सांगली, कोल्हापुर, पुणे और सतारा समेत पश्चिमी महाराष्ट्र के कई जिलों में बाढ़ आई और फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा।

कोल्हापुर और सांगली की 55 से अधिक तहसीलें बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई। बारिश और बाढ़ के कारण कई गांवों में जगह-जगह फंसे लोगों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना को आना पड़ा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पुणे संभाग में बाढ़ और बारिश जनित घटनाओं में करीब 62 लोग मारे गए।

इनमें से 17 लोगों की मौत आठ अगस्त को सांगली के एक गांव में नौका डूबने से हुई। पुणे के संभागीय आयुक्त के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘अगस्त में सांगली और कोल्हापुर में सात से आठ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसमें 105 बचाव दल, 200 नौकाओं और दो हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल हुआ।’’

अधिकारी ने बताया कि बाढ़ के कारण संभाग में 4.89 लाख हेक्टेयर की कृषि भूमि में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा। इससे 8.73 लाख किसान प्रभावित हुए। सितंबर में पुणे में हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। इसमें 20 से अधिक लोगों की जान चली गई।

एक अधिकारी ने बताया कि पानी के बहाव पर अवैध निर्माण भारी बारिश के बाद आई समस्याओं का मुख्य कारण है। पुणे के पर्यावरणविद सारंग यड़वाड़कर ने अगस्त में बाढ़ के कारण आई समस्याओं का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ते हुए आरोप लगाया कि निर्माण क्षेत्र को फायदा पहुंचाने के लिए कोल्हापुर में पंचगंगा नदी की बाढ़ रेखा का पुन: निर्धारण किया गया।

महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने इस आरोप से इनकार किया। यड़वाड़कर ने कहा, ‘‘ऐसी सभी घटनाओं के मूल कारण में जाने की जरूरत है। बाढ़, आग लगने की घटनाएं, यातायात जाम, प्रदूषण जैसी घटनाओं के मूल कारण को देखना होगा।’’

उन्होंने कहा कि शहरों की, आबादी वहन करने की क्षमता की पहचान करनी होगी। ‘विकास’ और ‘घातक विकास’ के बीच अंतर करने की जरूरत है। यड़वाड़कर ने कहा कि रोजगार की तलाश में गांवों से बड़ी संख्या में लोग शहरों का रुख कर रहे हैं, इस वजह से शहर का विकास योजनाबद्ध तरीके से नहीं हो पा रहा है।

Web Title: Flashback 2019: rains wreak havoc in Maharashtra, killing more than 80 people, army takes over

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे