गगनयान कार्यक्रम का पहला मानव रहित अभियान दिसंबर में संभव नहीं: इसरो

By भाषा | Published: July 26, 2021 01:07 PM2021-07-26T13:07:37+5:302021-07-26T13:07:37+5:30

First unmanned mission of Gaganyaan program not possible in December: ISRO | गगनयान कार्यक्रम का पहला मानव रहित अभियान दिसंबर में संभव नहीं: इसरो

गगनयान कार्यक्रम का पहला मानव रहित अभियान दिसंबर में संभव नहीं: इसरो

बेंगलुरु, 26 जुलाई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि मानव को चंद्रमा पर भेजने के उसके ‘गगनयान कार्यक्रम’ के हिस्से के तौर पर पहले मानवरहित अभियान की दिसंबर में शुरुआत नहीं हो सकेगी। इसरो के अनुसार कोविड-19 के चलते हार्डवेयर की आपूर्ति बाधित होने की वजह से इस महत्वाकांक्षी अभियान में देरी होगी।

इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यकीनन यह दिसंबर में संभव नहीं है। इसमें देरी होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह (मानव रहित अभियान) अगले वर्ष हो पाएगा।’’

इसरो के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्यों में लगे लॉकडाउन के चलते हार्डवेयर की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

गगनयान कार्यक्रम के तहत मानव को चंद्रमा पर भेजने से पहले दो मानव रहित उड़ानों को भेजने की योजना है।

सूत्रों ने बताया, ‘‘डिजाइन, आकलन और दस्तावेजीकरण इसरो ने किया है। गगनयान के लिए हार्डवेयर देश भर के सैंकडों उद्योगों से मंगाए जाएंगे।’’

गगनयान का उद्देश्य चालक दल के तीन लोगों को पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाना, अंतरिक्ष के लिए निर्धारित अनेक गतिविधियों को अंजाम देना और उन्हें पृथ्वी में पूर्वनिर्धारित क्षेत्र में सुरक्षित वापस लाना है।

केन्द्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेन्द्र सिंह ने इस वर्ष फरवरी में कहा था कि मावनरहित पहला अभियान दिसंबर 2021में होगा और मानवरहित दूसरा अभियान 2022-23 में हो सकता है।

चार भारतीय अंतरिक्षयात्री उम्मीदवारों को इस संबंध में रूस में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इस बीच चार भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अभियानगत प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी पक्ष पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

शिवन ने कहा, ‘‘ यह अगले माह शुरू हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ प्रशिक्षण विभिन्न स्थानों पर दिया जाएगा। शैक्षणिक प्रशिक्षण, विमान परीक्षण, नौसेना परीक्षण, उत्तरजीविता परीक्षण, अनुकरण परीक्षण ... प्रशिक्षण दोहराए जाते हैं और उड़ान भरने तक उन्हें अद्यतन किया जाता है।

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Web Title: First unmanned mission of Gaganyaan program not possible in December: ISRO

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