इस बार का गणतंत्र दिवस होगा राजनीतिक रूप से मजबूत, ये होंगे 10 आसियान देशों के चीफ गेस्ट

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 8, 2018 11:54 AM2018-01-08T11:54:34+5:302018-01-08T12:46:24+5:30

गणतंत्र दिवस के मौके पर  इस वो नजारा दिखने वाला है, जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया। पहली बार इस साल ...

first time india will host 10 asean leaders for republic day celebrations this year | इस बार का गणतंत्र दिवस होगा राजनीतिक रूप से मजबूत, ये होंगे 10 आसियान देशों के चीफ गेस्ट

इस बार का गणतंत्र दिवस होगा राजनीतिक रूप से मजबूत, ये होंगे 10 आसियान देशों के चीफ गेस्ट

गणतंत्र दिवस के मौके पर  इस वो नजारा दिखने वाला है, जो इससे पहले कभी नहीं देखा गया। पहली बार इस साल के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में आसियान देशों के प्रमुख को बुलाया गया है। इसे भारत की विदेश नीति और एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिहाज से यह कदम माना जा रहा है। भारत को उसके इस कदम का खासा लाभ मिलने वाला है।

गणतंत्र दिवस पर आने वाले मेहमान

मलयेशिया के पीएम 

मलयेशिया के साथ भारत के संबंध पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद मजबूत हुए हैं। 2017 में मलयेशियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब बिन तुन अब्दुल रजक भारत का दौरा कर चुके हैं। दोनों ही देशों के बीच व्यावसायिक और आर्थिक संबंध काफी अच्छे हैं।

आंग सान सू की

म्यमांर की नेता आंग सान सू की  भी इस साल के गणतंत्र दिवस पर भारत आएंगी। इस साल पीएम मोदी ने म्यामांर दौरे पर राखाइन प्रदेशों की खुशहाली के लिए विशेष प्रयास करने का वादा किया था।

इंडोनेशियाई पीएम विडोडो

इंडोनेशियाई के पीएम जोको विडोडो की पीएम नरेंद्र मोदी के भी आपसी संबंध काफी अच्छे हैं। वह पहले भी भारत के दौरे पर आ चुके हैं। जोकोवि के नाम से मशहूर यह इंडोनेशियाई प्रधानमंत्री देश के पहले पीएम हैं जो किसी प्रभावशाली सैन्य अथवा राजनीतिक परिवार से संबंध नहीं रखते हैं। साउथ ईस्ट एशिया में इंडोनेशिया आज सबसे महत्वपूर्ण देश है। 

कंबोडिया पीएम हुन सेन

1985 से कंबोडिया की कमान संभाल रहे प्रधानमंत्री हुन सेन का गणतंत्र दिवस पर भारत आना सबसे ज्यादा खास है। इस वक्त वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहने वाले राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं। कंबोडिया को चीन के भरोसेमंद मित्र राष्ट्रों में से समझा जाता है।

थाइलैंड राजदूत

थाइलैंड और भारत दोनों ही देश एक-दूसरे के साथ सहयोग की नीति पर काम कर रहे हैं। साउथ ईस्ट एशिया में थाइलैंड भारत की सक्रिय भूमिका की बात कई बार कर चुका है। कयास थाइलैंड के पीएम या राजदूत में से कोई एक भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर आएगा।

ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्कियाह

ब्रूनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्कियाह की गिनती दुनिया के सबसे रईस लोगों में से होती है। सुल्तान के राजनीतिक कौशल का लोहा पूरा विश्व मानता है क्योंकि उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश को एकीकृत रखा है वह खुद भारत से अपने संबंध अच्छे चाहते हैं, इसके बारे में  वो खुद पहले इशारा दे चुके हैं ऐसे में उनके भारत आगमन पर सबकी निगाहें रहने वाली हैं।

 

सिंगापुर पीएम नुआन जुंग फुक वियतनाम  

नुआन जुंग फुक वियतनाम के प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार भारत आ रहे हैं। सिंगापुर के साथ वियतनाम आज भारत का सबसे महत्वपूर्ण डिफेंस पार्टनर है। चीन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में वियतनाम भारत का प्रमुख सहयोगी बनकर उभरा है। इससे पहले खुद पीएम मोदी 2016 नें सिंगापुर के दौरे पर जा चुके हैं।

लाओस पीएम थोंगलाउन सिसोउलिथ

 

2017 में पहली बार पीएम मोदी और लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलाउन सिसोउलिथ की मुलाकात हुई थी। लाओस पीएम के आगमन पर कयास लगाया जा रहा है कि इससे  एशियाई राष्ट्रों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिहाज से भारत-लाओस संबंधों को अलग आयाम मिल सकता है।

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