एनआरसी का पहला ड्राफ्ट जारी होने से असम में तनाव, सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक की मान्यता
By स्वाति सिंह | Published: January 1, 2018 11:46 AM2018-01-01T11:46:03+5:302018-01-01T12:27:26+5:30
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के आवेदन की प्रक्रिया मई 2015 में शुरू हुई थी, जिसमें पूरे असम के 68.27 लाख परिवारों से 6.5 करोड़ दस्तावेज आए थे।
असम में रविवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) ने पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें कुल 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किए थे, जिनमें 1.9 करोड़ को ही वैध नागरिक माना गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह जानकारी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने दी, जहां उन्होंने पहले ड्राफ्ट की कॉपी भी दिखाई। सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों के नाम होने से असम में तनाव बढ़ गया है।
शैलेष ने बताया, 'यह ड्राफ्ट एक हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर मुहर लगाई गई है। बाकी नामों को लेकर अभी वेरिफिकेशन की जा रही है। एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कहा कि जिन लोगों के नाम पहले ड्राफ्ट में छूट गए हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह एक मुश्किल प्रक्रिया है। इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि एक ही परिवार के कुछ पहले ड्राफ्ट से गायब हों। मगर, इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।'
It is a part draft. Out of 3.29 crores, it contains 1.94 crore persons who have been verified & included in the NRC (National Register of Citizen) till date. The rest of the names are under various stages of verification: Registrar General of India Sailesh pic.twitter.com/Po4xFhoeZ9
— ANI (@ANI) January 1, 2018
पहले ड्राफ्ट के नाम चेक करने के लिए पूरे असम में एनआरसी के सेवा केंद्रों पर जा सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन और एसएमएस सेवा से भी वे अपने नाम चेक कर सकते हैं। यह असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम इस रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। यह अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए किया गया है।
All the people who don't find their names shouldn't have any apprehensions. As soon as their verification is over, we will come up with another draft. Process of claims & objection will happen once another draft containing all names is published:Registrar General of India Sailesh pic.twitter.com/ufdETfEKVq
— ANI (@ANI) January 1, 2018
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को बताया था कि रजिस्टर में नाम शामिल करने के लिए तीन करोड़ 28 लाख लोगों ने आवेदन किया था जिनमें दो करोड़ 24 लाख लोगों के दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद पहले ड्राफ्ट रजिस्टर में उनके नाम शामिल किए गए।
उन्होंने बताया कि ''उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक एनआरसी के दो और ड्राफ्ट जारी होंगे और पहले प्रकाशन में जिन वास्तविक नागरिकों के नाम शामिल नहीं किए गए, उनके दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद उन्हें शामिल किया जाएगा।'' सुरक्षा पर आशंका को खारिज करते हुए सोनोवाल ने कहा कि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है क्योंकि जिला प्रशासन जनसभाएं आयोजित कर रहे हैं और लोगों को इस बारे में बताने के लिए अभियान चला रहे हैं।
इस प्रक्रिया के लिए 2013 से काम चल रहा है। पिछले तीन सालों में लगभग 40 सुनवाई हो चुकी हैं। मामला यह है कि यहां सिटिजनशिप और अवैध प्रवासियों का मुद्दा अब राजनीतिक रूप ले चुका है। इसके आवेदन की प्रक्रिया मई 2015 में शुरू हुई थी, जिसमें पूरे असम के 68.27 लाख परिवारों से 6.5 करोड़ दस्तावेज आए थे।
बीजेपी ने एनआरसी का इस्तेमाल चुनावी भाषणों के वक्त अवैध प्रवास की वजह से असम की खोने वाली पहचान को सुरक्षित रखने के नाम पर किया गया था।