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हरिद्वार में धर्म संसद में नफरत भरे भाषण मामले में प्राथमिकी दर्ज, किसी की गिरफ्तारी नहीं : पुलिस

By भाषा | Updated: December 24, 2021 22:15 IST

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देहरादून, 24 दिसंबर हरिद्वार में आयोजित ‘‘धर्म संसद’’ में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के सिलसिले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। यह जानकारी शुक्रवार को पुलिस ने दी।

हरिद्वार कोतवाली थाने के एसएचओ रकिंदर सिंह ने बताया कि ज्वालापुर के एक निवासी की शिकायत पर जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। त्यागी का नाम पहले वसीम रिजवी था। उन्होंने कहा कि वह इस महीने की शुरुआत में धर्म परिवर्तन करने के बाद हिंदू बने थे।

एसएचओ ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता से हमें कार्यक्रम का कुछ फुटेज भी मिला है, जिसकी जांच चल रही है।’’

यह पूछने पर कि क्या गिरफ्तारियां होंगी तो उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही ऐसा हो सकता है।

हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (नगर) स्वतंत्र कुमार ने भी कहा कि मामले में जांच जारी है।

उन्होंने कहा कि भादंसं की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, आवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत बृहस्पतिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक वरिष्ठ नेता ने बृहस्पतिवार को कार्यक्रम के आयोजकों एवं वक्ताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की थी। पिछले हफ्ते हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में तीन दिनों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ था।

टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ज्वालापुर थाने में इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई और एसएचओ से अनुरोध किया कि मामले में 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज की जाए।

गोखले ने शिकायत की प्रति ट्विटर पर साझा की और धर्म संसद के आयोजकों तथा कार्यक्रम में मुसलमानों एवं अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने वालों को 27 दिसंबर तक गिरफ्तार करने की समय सीमा दी थी।

एसएचओ को दी गई शिकायत में गोखले ने कहा कि इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ अगर 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है, तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दी जाएगी।

कार्यक्रम में कई वक्ताओं ने कथित तौर पर भड़काऊ एवं उत्तेजक भाषण दिए और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की हत्या करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने लोगों से हथियार उठाने और एक पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारने की भी अपील की।

‘‘धर्म संसद’’ का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरि ने की थी, जिन पर विगत में भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने और हिंसा भड़काने के आरोप हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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