लाइव न्यूज़ :

जेएनयू छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, छात्र संघ ने कहा-नहीं होनी चाहिए कोई कार्रवाई

By भाषा | Updated: November 20, 2019 04:56 IST

छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतरे थे। पुलिस के अनुसार आठ घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गये। 

Open in App
ठळक मुद्देजेएनयू के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में मंगलवार को दो प्राथमिकी दर्ज की। छात्र संघ ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एचआरडी द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया।

 दिल्ली पुलिस ने छात्रावास शुल्क वृद्धि को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में मंगलवार को दो प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी किशनगढ़ पुलिस थाने में दर्ज की गई है जबकि एक अन्य प्राथमिकी लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में दर्ज की गई है।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर के अनुसार अरबिंदो मार्ग पर सोमवार की घटना के सिलसिले में आईपीसी की धाराओं 186 (लोक सेवक के सरकारी कार्य के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला कर या उस पर बल का इस्तेमाल कर उसे उसकी ड्यूटी निभाने से रोकना), 332 (सरकारी कर्मचारी को उसे अपना कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) और धारा 188 के तहत लोधी कॉलोनी पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।

ठाकुर ने बताया कि प्राथमिकी में आईपीसी की धाराओं 147 (दंगे के लिए सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (विधिविरुद्ध जनसमूह का हर सदस्य, समान लक्ष्य को पूरा कराने में किए गए अपराध का दोषी), 151 (पांच या अधिक व्यक्तियों का समूह जिसे तितर-बितर होने का आदेश दिए जाने के बाद भी जानबूझकर उसमें शामिल होना या बने रहना), 34 (समान मंशा को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किये गये कृत्य) और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा तीन को भी जोड़ा गया है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना किए जाने की मंगलवार को मांग की।

जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव जीसी होसुर के साथ हमने एक बैठक की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रशासन छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करे। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ छात्रों को इस प्रदर्शन के लिए ई-मेल के जरिए नोटिस मिल रहे हैं। लेकिन यह प्रदर्शन एक वजह से किया जा रहा है और छात्र एक रुपए का भी जुर्माना नहीं भरेंगे।’’

छात्र संघ ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी)द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया। एचआरडी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता और परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए इस पैनल का गठन किया है। घोष ने कहा, ‘‘ हमें पता चला है कि रजिस्ट्रार ने हमारे और विश्वविद्यालय के बीच मध्यस्थता करने के लिए एचआरडी द्वारा गठित पैनल के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया है।

देखिए यह मनमानी है। जब वे सरकार के प्रतिनिधियों से मिलने से इनकार कर सकते हैं, तो उनसे हमसे बात करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।’’ जेएनयू में फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर की गई कथित पुलिस कार्रवाई का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में गूंजा। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने छात्रों पर किये गये पुलिस के कथित बलप्रयोग का मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाते हुए कहा,‘‘यह दुखद है कि जेएनयू के छात्रों पर लाठियां चलाई गई हैं। हमारे यहां यह व्यवस्था है कि उच्च शिक्षा सरकारी खर्च पर मिले, ताकि गरीब बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके।’’

इस पर लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिरला ने कहा, ‘‘आप देश को यह भी बताइये कि शुल्क पहले कितना था और अब कितना हो गया।’’ जिसपर, भाजपा के कई सदस्य भी स्पीकर की बात का समर्थन करते दिखें। कांग्रेस सदस्य टी एन प्रतापन ने भी शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘जेएनयू में सरकार आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। वह पुलिस लाठीचार्ज की दमनात्मक कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं।’’

बसपा के कुंवर दानिश अली ने भी छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का मुद्दा प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान उठाने की कोशिश की। लेकिन शून्यकाल के दौरान स्पीकर ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था जिससे शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया था। छात्रों ने हाल में की गई शुल्क वृद्धि के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था।

छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतरे थे। पुलिस के अनुसार आठ घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गये। 

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतJNU Election Result 2025 Declared: अदिति मिश्रा ने जीता अध्यक्ष पद का चुनाव, चुनाव परिणाम में लेफ्ट यूनाइटेड का दबदबा

भारतJNUSU Election Results 2025: लेफ्ट फ्रंट 4 में से 3 पदों पर कर रही है लीड, एबीवीपी 1 पद पर आगे

भारतJNU Student Elections: 1375 वोट के साथ वाम गठबंधन की अदिति मिश्रा आगे, 1192 मत के साथ एबीवीपी के विकास पटेल पीछे, देखिए किस पोस्ट पर कौन आगे-पीछे

भारतJNU Student Elections: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव कार्यक्रम जारी, 4 नवंबर को मतदान, जानें चुनाव से संबंधित प्रमुख तारीखें

भारतJNU की कैंटीन में नजर आया जहरीला कोबरा सांप

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत