कोरोना से जंग के बीच लाइफबॉय और डेटॉल के बीच झगड़ा, कोर्ट तक पहुंची बात, जानिए क्या है पूरा मामला
By प्रिया कुमारी | Updated: March 23, 2020 14:08 IST2020-03-23T14:08:32+5:302020-03-23T14:08:32+5:30
कोरोना संकट के बीच हाथ धोने के फायदे बताए जा रहे हैं, ज्यादा से ज्यादा हाथ धोए और सुरक्षित रहे लेकिन किसे पता था कि ये हाथ धोना ही लाइफबॉय और डेटॉल के बीच झगडे़ का कारण बन जाएगा।

लाइफबॉय और डेटॉल कंपनी के बीच झगड़ा (Photo-social Media)
कोरोना संकट के बीच हाथ धोने के फायदे के बारे में बताया जा रहा है। हालांकि किसे पता था कि ये हाथ धोना ही लाइफबॉय और डेटॉल के बीच झगडे़ का कारण बन जाएगा और ये मामला बॉम्बे कोर्ट तक पहुंच जाएगा। दरअसल, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड द्वारा एक मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद डेटॉल हैंडवाश बनाने वाली रेकिट बेंकिजर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट को बताया है कि वो अपने विज्ञापन को एक महीने के लिए बंद कर देगी।
क्या है पूरा मामला
लाइफबॉय साबुन बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने बॉम्बे हाई कोर्ट में डेटॉल कंपनी के खिलाफ याचिका दायर कर कहा है कि ऐल्कॉहल वाले सैनिटाइजर समेत और प्रोडक्ट तब रेकमंड किए जाते हैं, जब साबुन और पानी न हो। टीवी पर दिखाए जा रहे विज्ञापनों में बताया जा रहा है कि डेटॉल हैंडवॉश ही हाथ धोने का सबसे सुरक्षित तरीका है और साबुन से हाथ धोने पर कीटाणुओं से पूरी सुरक्षा नहीं मिल सकती जबकि WHO ने भी कहा है कि साबुन और पानी से हाथ धोना है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में डेटॉल कंंपनी से हर्जाने के तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग की थी। कंपनी का कहना था कि डेटॉल के टीवी ऐड पूरी तरह झूठ पर आधारित है और जनता को गलत जानकारी दे रहे हैं।
इस बात पर रेकिट बेंकिजर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बॉम्बे हाइ कोर्ट में कहा कि वो टीवी पर दिखाए जाने वाले ऐड को एक महीने के लिए रोक देगी। इस मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई की है। डेटॉल की तरफ से केस लड़ रहे सीनियर काउंसलर ने बचाव में कहा कि HUL ये साबित नहीं कर पाया है कि 12 मार्च को दिखाए गये विज्ञापन में उसके किसी प्रोडक्ट को दिखाया गया। इसलिए हर्जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।