मदर टेरेसा की धार्मिक संस्था मिशनरिज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए पंजीकरण को बहाल किया गया, ब्रिटिश संसद में उठा था मुद्दा
By विशाल कुमार | Published: January 8, 2022 10:54 AM2022-01-08T10:54:13+5:302022-01-08T10:59:41+5:30
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की कि मिशनरिज ऑफ चैरिटी के एफसीआरएस पंजीकरण को बहाल कर दिया गया है. विदेशी चंदा हासिल करने के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण अनिवार्य होता है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की धार्मिक संस्था मिशनरिज ऑफ चैरिटी के एफसीआरएस पंजीकरण को बहाल कर दिया है जिसका मतलब है अब यह संस्था विदेशी चंदा हासिल कर सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की कि मिशनरिज ऑफ चैरिटी के एफसीआरएस पंजीकरण को बहाल कर दिया गया है। विदेशी चंदा हासिल करने के लिए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण अनिवार्य होता है।
कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि कुछ प्रतिकूल जानकारियां मिलने के कारण मिशनरिज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण नवीनीकृत नहीं किया गया।
इसके बाद ब्रिटेन की संसद में भी यह मुद्दा उठा था और पूछा गया था कि क्या ब्रिटिश सरकार ने भारत के साथ मिशनरिज ऑफ चैरिटी और अन्य गैर सरकारी संगठनों के विदेशी धन को रोके जाने का मुद्दा उठाया था।
7 जनवरी को मिशनरिज ऑफ चैरिटी को पंजीकरण समाप्त किए जा चुके 6,000 एनजीओ की सूची से हटा दिया गया उसे उन 16,908 एनजीओ की सूची में शामिल किया गया था, जिनका एफसीआरए पंजीकरण 7 जनवरी को सक्रिय है। पश्चिम बंगाल में विदेशी चंदा लेने के लिए 1,030 एनजीओ पात्र हैं और मिशनरिज ऑफ चैरिटी को सूची में शामिल कर दिया गया।
बता दें कि, बीते 1 जनवरी से करीब 6000 एनजीओ का संचालन बंद हो गया क्योंकि गृह मंत्रालय ने उनके पंजीकरण को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया या फिर उन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं दिया।