श्रीनगर, 5 सितंबर: कश्मीर में पंचायत तथा स्थानीय निकायों के चुनावों पर 35-ए का साया मंडराने लगा है। डा फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले नेशनल कांफ्रेंस ने संविधान की धारा 35-ए पर राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट बयान नहीं दिए जाने की स्थिति में चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है। जबकि पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती का कहना था कि इसके लिए माहौल नहीं है।
जम्मू कश्मीर के प्रभावी नेता और जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस पंचायत चुनावों में भाग नहीं लेगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार इस संबंध में अपनी स्थिति को मंजूरी दे देती है कि जम्मू-कश्मीर पर अनुच्छेद 35-ए लागू है और उसके लिए अदालत में और उसके अंदर अनुच्छेद 35 ए की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाती है।
याद रहे नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने 3 सिंतबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) द्वारा उच्चतम न्यायालय में दलील दी गयी थी। इस दलील में संविधान के अनुच्छेद 35ए में एक पहलू लिंग भेदभाव की अलोचना की गई थी।
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य न्यायालय में एएसजी तुषार मेहता द्वारा पिछले शुक्रवार को जताए गए रूख पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। एएसजी ने सुनवाई के दौरान इस दलील पर सहमति व्यक्त की कि अनुच्छेद 35 ए और कुछ खास पहलुओं पर बहस की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अनुच्छेद 35 ए में भेदभाव का एक पहलू है। अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से न्यायालय के समक्ष अगर इस तरह का बयान दिया गया है तो संकेत मिलता है कि अनुच्छेद 35-ए का पक्ष लेने और चुनौती को संविधान पीठ के पहले के फैसले के आधार पर खारिज करने की मांग करने के बदले राज्य सरकार ने न्यायालय के समक्ष लगभग स्वीकार कर लिया है कि अनुच्छेद 35-ए के कुछ हिस्से हटाने के लायक हैं।
उन्होंने चिंता जतायी कि ऐसे संवेदनशील मुकदमे में जम्मू कश्मीर के महा-अधिवक्ता को वस्तुतः हाशिए पर डाल दिया गया है जो जम्मू कश्मीर के संविधान के तहत राज्य के अनोखे कानूनी इतिहास और संवैधानिक दर्जे से संबंधित है।
इस बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने धमकी दी है कि अगर धारा 370 और 35-ए हटाया गया तो अच्छा नहीं होगा। उन्होंने धमकी दी है कि ऐसी स्थिति में भारत से जम्मू कश्मीर रिश्ते खत्म कर लेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने धमकी भरे लहजे में कहा कि 370 और 35-ए राज्य की एक अलग पहचान है जिसे हर हाल में बचाए रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पद खोने के बाद पहली बार राजौरी के दौरे पर आई पीडीपी अध्यक्ष ने कहा की राज्य के हालात सामान्य करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी बनना पड़ेगा, जिसके लिए पाकिस्तान से बात करना जरूरी है।
दक्षिण एशिया में शांति के लिये भारत एवं पाकिस्तान के बीच संवाद बहाल करने को ‘अनिवार्य’ बताते हुए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपील की कि कश्मीर की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान में अपने समकक्ष इमरान खान की ओर मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष ने यह भी अपील की कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति की प्रक्रिया बहाल करने के लिये प्रधानमंत्री को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शेकदम पर चलना चहिए। राजौरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘दक्षिण एशिया में शांति सिर्फ तभी संभव है जब जम्मू कश्मीर में शांति सुनिश्चित होगी।