Farmers Protest: पंजाब पुलिस ने खाली कराया शंभू और खनौरी बॉर्डर, किसान नेताओं को लिया हिरासत में; बजरंग पुनिया ने कहा- सभी देशवासियों को किसानों के साथ...
By अंजली चौहान | Updated: March 20, 2025 07:27 IST2025-03-20T07:27:39+5:302025-03-20T07:27:45+5:30
Farmers Protest: अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर समेत कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।

Farmers Protest: पंजाब पुलिस ने खाली कराया शंभू और खनौरी बॉर्डर, किसान नेताओं को लिया हिरासत में; बजरंग पुनिया ने कहा- सभी देशवासियों को किसानों के साथ...
Farmers Protest: कई महीनों से शंभू बॉर्डर और खनौरी में धरने पर बैठे किसान प्रदर्शनकारियों को अब हटा दिया गया है। पंजाब पुलिस ने बीते बुधवार को कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन स्थल खाली करा लिया है और किसानों को वहां से हिरासत में ले लिया। बॉर्डर खाली कराए जाने के बाद राजमार्ग फिर से शुरू हो गया है जो काफी समय से बंद था।
पुलिस ने कहा कि ढांचों को हटाने और किसानों द्वारा खड़ी की गई ट्रॉलियों और अन्य वाहनों को हटाने के बाद दोनों राजमार्गों को जल्द ही फिर से खोल दिया जाएगा, जो पिछले साल फरवरी से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
#WATCH | Haryana Police uses bulldozers to remove concrete barricades erected at Haryana - Punjab Shambhu Border to restrict farmers' movement further from where they were sitting on a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 19, 2025
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/Ma5SPYwT9m
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने मीडिया को बताया कि सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया, जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद शंभू विरोध स्थल पर जा रहे थे।
#WATCH | Visuals from the Haryana—Punjab Shambhu Border, where Haryana Police is removing concrete barricades erected to restrict farmers' movement further from where they were sitting in a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 20, 2025
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/hkqyUodLEO
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विरोध स्थलों से किसानों को बेदखल करने का बचाव करते हुए कहा कि दोनों राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योगों और व्यवसायों पर गंभीर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण राजमार्ग एक साल से अधिक समय से अवरुद्ध थे, जिससे व्यापार और रोजगार प्रभावित हुआ।
चीमा ने कहा, "आप युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और उद्योग तभी सुचारू रूप से चल सकते हैं जब व्यापार और व्यवसाय क्षेत्र बिना किसी व्यवधान के संचालित हों।"
#WATCH | Punjab | Police remove farmers from Punjab-Haryana Khanauri Border who were sitting on a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 19, 2025
Amid massive police deployment - farmers were evicted, temporary structures erected by them were removed, and several farmers were detained. (19/03) pic.twitter.com/XoYQ52PqVw
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, "सरकार किसानों से बात करने का सिर्फ़ दिखावा कर रही थी। चर्चा के बाद उन्हें गिरफ़्तार करना दिखाता है कि वे किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर नहीं हैं। यह विश्वासघात है।"
पुनिया ने लोगों से केंद्र और पंजाब दोनों सरकारों द्वारा किए गए दमनकारी कृत्य के खिलाफ किसानों के साथ खड़े होने का भी आग्रह किया।
सोशल मीडिया पर एक्स बजरंग पुनिया ने लिखा, "सरकार की इस कायराना हरकत से यह साफ हो गया है कि सरकार किसानों से बातचीत के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है। बातचीत के बहाने किसान नेताओं को बुलाना और उन्हें गिरफ्तार करना कोई बहादुरी नहीं है। सरवन सिंह पंधेर और दल्लेवाल समेत कई किसान नेता जब अपनी मांगों को लेकर सरकार से मिले थे, तो उम्मीद थी कि कुछ समाधान निकलेगा। लेकिन सरकार ने बातचीत के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। यह किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो और क्या है?"
सरकार किसानों से बातचीत के नाम पर खाली दिखावा कर रही थी ये बात सरकार की इस कायराना हरकत से साफ हो गई है।
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) March 19, 2025
किसान नेताओं को वार्ता के बहाने बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करना कहां की बहादुरी है। सरवन सिंह पंढेर और डल्लेवाल समेत कई किसान नेता जब अपनी माँगों को लेकर सरकार से मिले, तो… pic.twitter.com/IUNyui4VZY
उन्होंने आगे कहा, "अगर सरकार किसानों की आवाज सुनने के लिए गंभीर होती, तो उन्हें दबाने की कोशिश करने के बजाय उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढती। यह दमनकारी रवैया दिखाता है कि सरकार बातचीत के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि सरकार का असली मकसद किसानों के आंदोलन को कुचलना है।"
पुनिया ने कहा, "सभी देशवासियों को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए और केंद्र और पंजाब सरकार की इस दमनकारी हरकत का विरोध करना चाहिए।"
#WATCH | Punjab Police demolished the tents erected by farmers at the Punjab-Haryana Shambhu Border, where they were sitting on a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 19, 2025
The farmers are also being removed from the Punjab-Haryana Shambhu Border. pic.twitter.com/TzRZKEjvXD
इस बीच, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसान नेताओं की हिरासत की निंदा की और पंजाब में आप सरकार पर केंद्र और किसानों के बीच चल रही बातचीत को "बाधित" करने का आरोप लगाया।
बढ़ती औद्योगिक चिंताओं के बीच पुलिस कार्रवाई पुलिस की यह कार्रवाई पंजाब के उद्योगपतियों की बढ़ती चिंताओं के बीच हुई है, जो राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने के कारण हुए वित्तीय नुकसान के बारे में मुखर रहे हैं।
इससे पहले दिन में, संभावित पुलिस कार्रवाई के संकेत दिखाई दे रहे थे क्योंकि दो विरोध स्थलों पर भारी पुलिस तैनाती देखी गई थी। यह घटना उस समय हुई जब किसान नेता चंडीगढ़ में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा कर रहे थे।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा बिंदुओं पर डटे हुए हैं।
#WATCH | Haryana Police uses bulldozers to remove concrete barricades erected at Haryana - Punjab Shambhu Border to restrict farmers' movement further from where they were sitting on a protest over various demands.
— ANI (@ANI) March 20, 2025
Yesterday, late in the evening, Punjab police removed the… pic.twitter.com/K7QdJWpbLi
यह तब हुआ जब सुरक्षा बलों ने दिल्ली की ओर जाने वाले उनके मार्च को रोक दिया था। उनका विरोध कई मांगों को लेकर केंद्रित रहा है, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है।
चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर चर्चा बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई।
तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक 4 मई को होगी।"