सिंघु बॉर्डर पर हिंसक झड़प, शख्स ने तलवार से किया हमला, घायल हुए SHO प्रदीप कुमार पालीवाल
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Updated: January 29, 2021 15:50 IST2021-01-29T15:10:26+5:302021-01-29T15:50:33+5:30
सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ स्थानीय निवासी प्रदर्शन करने आए और इसी बीच दोनों गुटों में संघर्ष हो गया...

सिंघु बॉर्डर पर अलीपुर एसएचओ पर प्रदर्शनकारी ने तलवार से हमला किया।
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प हुई, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस अलीपुर एसएचओ प्रदीप कुमार पालीवाल घायल हुए हैं।
हाथों में डंडे लेकर पहुंचे स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों का समूह हाथों में डंडे लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचा और किसानों के खिलाफ नारे लगाते हुए उनके वहां से जाने की मांग करने लगा। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव भी किया।
स्थानीय लोगों की क्या है मांग?
स्थानीय लोग मांग कर रहे थे कि किसान सिंघु सीमा पर प्रदर्शन स्थल को खाली करें क्योंकि उनके मुताबिक गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
Delhi: Alipur SHO Pradeep Paliwal injured in a clash that broke out at Singhu border where farmers are protesting against #FarmLaws
— ANI (@ANI) January 29, 2021
(Pic source: Delhi Police) pic.twitter.com/cfyB9dN45Q
पुलिस ने आरोपी को दबोचा
अधिकारियों ने बताया कि सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के दौरान दिल्ली पुलिस के एक थाना प्रभारी (एसएचओ) प्रदीप कुमार पालीवाल घायल हुए हैं। आरोपी को पकड़ लिया गया है, वहीं घायल एसएचओ को अस्पताल पहुंचाया गया है।
कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस सांसद बिट्टू ने राष्ट्रपति अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने विवादों में घिरे तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी की। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रखा था। लेकिन कोविंद का संबोधन आरंभ होने के कुछ देर बाद लुधियाना से लोकसभा सदस्य बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। वह ‘काले कानून वापस लो’ का नारा लगाते और किसान आंदोलन के संदर्भ में कुछ कहते देखे गए।
नारेबाजी करने के बाद वह केंद्रीय कक्ष से बाहर चले गए। बिट्टू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसान नेताओं के खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए जा रहे हैं? हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसे संसद में उठाएंगे। उनका जुर्म क्या है? किसान नेता अपने लिए नहीं, बल्कि किसानों के लिए लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसान नेताओं को जेल नहीं जाने देंगे। सरकार उन्हें जेल नहीं भेज सकती।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘यह किसानों का मुद्दा है, लेकिन खालिस्तान का नाम लेकर मुद्दे को भटकाया जा रहा है।’’