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कंटीले तारों वाले अवरोधकों के समीप किसान फूलों के पौधे लगा रहे

By भाषा | Updated: February 7, 2021 21:40 IST

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नयी दिल्ली, सात फरवरी पिछले करीब दो महीने से ज्यादा समय से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यहां जंगली घासों वाली जमीनों के टुकड़े को गेंदा और गुलाब जैसे फूलों के पौधों से भर दिया है।

प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए लगाए गए पतले तारों के अवरोधकों के पास किसानों ने नर्सरियां तैयार की और इसमें आलू के बीज डाले हैं और गन्ने लगाए हैं।

हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखनेवाले किसान रामराजी ने यूपी गेट (गाजीपुर) पर कहा, ‘‘ हमारा इरादा एक दम साफ है। सरकार ने लोहे की छड़ें लगाई हैं। लेकिन हम फूल, फल और अनाज लगा रहे हैं। हम किसान हैं, हमें यही करना आता है।’’

रामराजी यहां प्रदर्शन कर रहे कई उन किसानों में शामिल हैं जो नर्सरियों को तैयार कर रहे हैं। यहां गाजियाबाद के निकटतम नर्सरियों से बीज मंगवाए जाते हैं।

इस काम में मदद कर रहे अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि नर्सरी में गुलाब और गेंदे जैसे फूल हैं। इसके अलावा ताड़ और चीड़ के पौधे भी लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस द्वारा कंटीले तारों के अवरोधकों के निकट लगाए गए छड़ों के समीप भी हमने कुछ फूलों के पौधे लगाए हैं। हम कांटों के बदले फूल देते हैं।’’

सोनपीत के धुराना गांव के किसानों ने सिंघू बॉर्डर पर कुछ फूलों के पौधे लगाए हैं। 74 वर्षीय सत्यनारायण ने बताया कि फूलों के पौधे लगाने के लिए उनके समूह के लोग गांव से मिट्टी लेकर आए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार को यह हमारा संदेश है कि हमें दबाने के लिए वे भले बलप्रयोग करें लेकिन हम प्रेम फैलाएंगे।’’

हरियाणा के एक किसान सुरेश कोठ ने कहा, ‘‘ सरकार कांटे बो रही है, हम फूल लगा रहे हैं।’’ पिछले साल नवंबर से ही तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ हजारों किसान गाजीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर जमा हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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