मध्य प्रदेश में किसानों की लोन माफी एक बुलबुला है, जिसकी हकीकत कुछ और भी है!

By विकास कुमार | Updated: January 2, 2019 14:13 IST2019-01-02T14:07:02+5:302019-01-02T14:13:26+5:30

एमपी सरकार 35 हजार करोड़ के लोन माफी का दावा कर रही है, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.

Farmers loan waive is a complete political weapon, both for Congress and Bjp, Narendra modi and Rahul Gandhi | मध्य प्रदेश में किसानों की लोन माफी एक बुलबुला है, जिसकी हकीकत कुछ और भी है!

मध्य प्रदेश में किसानों की लोन माफी एक बुलबुला है, जिसकी हकीकत कुछ और भी है!

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी हो चुकी है. आंकड़े हैं क्रमशः 35000 करोड़, 18000 करोड़ और 6100 करोड़. इन आंकड़ों के दम पर लोकसभा चुनाव को जीतने का दंभ भरा जा चुका है और देश के प्रधान सेवक को चुनौती फेंकी जा चुकी है. 

लेकिन इसके अलावा भी कई घटनाएं हुई हैं. मध्य प्रदेश में कर्ज माफी के एलान के बाद से 4 किसान आत्महत्या कर चुके हैं. नए साल के आगमन से एक दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना में एक किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर लिया. किसान के ऊपर 40 हजार का कर्ज था और साहूकार उससे उसकी गिरवी जमीन लौटाने के लिए 70 हजार रुपये मांग रहा था. जब किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली तो उसके बाद प्रशासन की तरफ से 15 हजार का रुपये का इनाम थमा दिया गया जिसका अभ्यास दशकों से किया जा रहा है.

मध्य प्रदेश में नहीं थम रहा आत्महत्या 

आखिर जब एमपी सरकार ने किसानों के 2 लाख तक के कर्ज माफ कर दिए हैं, तो फिर लगातार आत्महत्याएं क्यों हो रही हैं, इसका जवाब अभी तक सरकार ने नहीं दिया है. दरअसल कहानी ये है कि कमलनाथ सरकार ने किसानों के जो लोन माफ किए हैं, उसमे सबसे बड़ा क्लॉज़ ये है कि जिन किसानों ने मार्च 2018 के पहले कृषि लोन लिया है उन्हीं के लोन माफ किए जा रहे हैं. सरकार 35 हजार करोड़ के लोन माफी का दावा कर रही है, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.

नरेन्द्र मोदी ने हाल के दिनों में कांग्रेस पर लोन माफी को लेकर जनता को बरगलाने का धुआंधार आरोप लगाया है. उन्होंने हाल ही में कहा था कि कर्नाटक में 34 हजार करोड़ के लोन माफी का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी ने मात्र 800 किसानों के लोन माफ किए हैं, लेकिन उनका दावा गलत साबित हुआ. द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार ने अभी तक 70 हजार किसानों के 348 करोड़ लोन माफ कर दिए हैं, लेकिन कांग्रेस-जेडीएस सरकार के दावों से अभी बहुत दूर है. इसमें महीनों लग सकते हैं या साल भी. 

हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जिन राज्यों की फिस्कल डेफिसिट (राजकोषीय घाटा) कम है या उनके पास प्रयाप्त मात्रा में पैसा है वो लोन माफी कर सकते हैं. लेकिन जिन राज्यों की माली हालत ठीक नहीं है, उन्हें लोन माफी करने से पहले सारे पहलूओं पर विचार कर लेना चाहिए. लेकिन राजनीतिक सत्ता की महत्वाकांक्षा में पार्टियां इन चेतावनियों को नजरअंदाज ही करते हैं. 

कांग्रेस का विश्वासघात 

2009 में कांग्रेस ने अपने अपने कार्यकाल में हुए घोटाले को ढकने के लिए किसानों के 70 हजार करोड़ के लोन माफ किया था. आर्थिक जानकारों के मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में चार साल का वक्त लग गया और कहा गया कि सरकार की घोषणा के विपरीत 53 हजार करोड़ का लोन ही माफ किया गया. अमित शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार के लोन माफी के आंकड़ों में एक बड़ा गड़बड़झाला देखने को मिलेगा. 

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक कृषि लोन का फायदा मात्र देश के 25 प्रतिशत किसानों को ही मिलता है क्योंकि देश में ऐसे किसानों की संख्या बहुत कम है जो सरकारी और सहकारी बैंकों से कर्ज लेते हैं. फिर ऐसे में सरकारों के लोन माफी की योजनाएं धरातल पर उतरने में या तो बहुत लंबा समय लेती है या तो उतर ही नहीं पाती है. 

लोन माफी शार्ट टर्म पॉलिटिकल गेन का मात्र एक राजनीतिक प्रयास है, जिसका फायदा किसानों से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों को मिलता है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं है कि लोन माफी एक बुलबुला है. 

Web Title: Farmers loan waive is a complete political weapon, both for Congress and Bjp, Narendra modi and Rahul Gandhi

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