हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने जाम किया दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग, एनएच-44 पर लगा लंबा जाम; जानें वजह
By अंजली चौहान | Updated: June 6, 2023 17:09 IST2023-06-06T16:43:09+5:302023-06-06T17:09:12+5:30
हरियाणा के किसानों ने आज कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग -44 को जाम कर दिया है। किसान राज्य सरकार से अपनी मांगों को लेकर विरोद कर रहे हैं।

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग -44 को मंगलवार को किसानों ने जाम कर दिया। इसके कारण रोड पर लंबा जाम लग गया। आने-जाने वाली गाड़ियों को काफी समस्या होने लगी।
नाराज किसानों ने पूरा रोड जाम कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान हजारों किसानों को काबू में करने के लिए भारी पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा। दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है।
#WATCH | Protesting farmers block National Highway-44 in Kurukshetra's Shahabad over their demand for Minimum Support Price for sunflower seed#Haryanapic.twitter.com/NyAcS9KCOy
— ANI (@ANI) June 6, 2023
क्यों विरोध कर रहे किसान?
दरअसल, किसानों के विरोध करने का कारण है सूरजमुखी के बीज जिसे नहीं खरीदने से हरियाणा के किसान नाराज है। सरकार द्वारा इसे खरीदा जाना था लेकिन प्रशासन के ऐसा न करने पर किसानों का गुस्सा भड़क गया और वह सड़कों पर उतर आए।
किसानों की मांग है कि राज्य सरकार को एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज की खरीद नहीं करने और रेटों में फर्क करने की भरपाई योजना के तहत फसल को शामिल करने के फैसले को वापस लेना चाहिए। जानकारी के मुताबिक, किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व हरियाणा बीकेयू (चादुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चाढूनी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि फसल को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने के सरकार के फैसले से नाराज सूरजमुखी के किसानों ने सरकार को 6 जून तक का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद मांगे पूरी न होने पर किसानों ने राजमार्ग जाम करने का फैसला किया।
बता दें कि 31 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के तौर पर 67,758 किसानों के बैंक खातों में 181 करोड़ रुपये जमा किए थे। इस साल मार्च-अप्रैल में राज्य में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा था।