मौसम विज्ञान विभाग ने अनुसार चक्र वात 'महा' 6-7 नवंबर की मध्यरात्रि को गुजरात के तट से टकरा सकता है. विभाग ने बताया कि चक्रवात 'महा' के अगले दो दिनों में गुजरात के तटों से टकराने के बाद अगले 24 घंटों तक तेज बारिश की आशंका है. लैंडफॉल से 6 घंटे पहले यह चक्रवात गंभीर तूफान में बदल सकता है. इस दौरान हवा की रफ्तार 100 किमी. प्रति घंटे तक रह सकती है.
मछुआरों को गुरुवार तक समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है. मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जयंती सरकार ने कहा, ''महा अभी दीव से 580 किमी और वेरावम से 550 किमी दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है. बुधवार रात या गुरु वार सुबह तक यह गंभीर तूफान में बदल सकता है. यह द्वारका और दीव के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है.''
चक्रवात 'महा' से गुजरात के समुद्री तटों से सटे स्थानों पर तेज बारिश होने की आशंका है. अभी चक्र वात ओमान की ओर बढ़ रहा है. आज यह गुजरात तट की तरफ मुड़ जाएगा. इससे पहले क्यार और वायु चक्र वात के कारण भी गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई थी. क्यार चक्र वात का असर कर्नाटक में भी देखा गया था.
महाराष्ट्र, गुजरात के मुख्य सचिवों के साथ तैयारियों की समीक्षा
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आज राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों के साथ गुजरात और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों ने भाग लिया. यह बैठक गुजरात, महाराष्ट्र और दमन व दीव पर चक्रवात के खतरे से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी.
कैबिनेट सचिव ने मौजूदा स्थिति और बचाव और राहत कार्यों के लिए तैयारियों का जायजा लिया और निर्देश दिया कि आवश्यकतानुसार तत्काल सहायता प्रदान की जाए. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया है कि चक्रवात अभी पूर्व मध्य अरब सागर से पश्चिम और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. 5 नवंबर की सुबह तक इसके और तेज होने की संभावना है. इसके बाद यह कमजोर होकर 6 नवंबर की मध्यरात्रि और 7 नवंबर 2019 की सुबह तक गुजरात और महाराष्ट्र तट को पार कर जाएगा. 1.5 मीटर तक की ज्वार की लहरों के साथ भारी बारिश के आसार हैं.
महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्य सचिवों ने बैठक में बताया कि सरकार की ओर से आवश्यक तैयारियां की गई हैं और एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ टीम तटरक्षक बल और नौसेना के जहाज पहले ही तैनात किए जा चुके हैं. जिले के अधिकारियों को अलर्ट रखा गया है और मछली पकड़ने की सभी गतिविधियां रोक दी गई हैं.
दमन और दीव प्रशासन ने उनकी तैयारियों और लोगों को स्थानांतरित करने की योजनाओं की जानकारी दी. इस बैठक में गृह और रक्षा मंत्रालयों के साथ आईएमडी, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे.