भारत में आएगी कोविड की अब चौथी लहर? कितना है खतरा, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
By विनीत कुमार | Published: March 9, 2022 08:50 AM2022-03-09T08:50:47+5:302022-03-09T08:50:47+5:30
भारत में कोविड के संभावित चौथे लहर के खतरे को लेकर आईसीएमआर के विषाणु विज्ञान में आधुनिक अनुसंधान केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ जैकब जॉन ने बड़ा दावा किया है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी शुरू होने के बाद भारत इसकी तीन लहर को झेल चुका है। पिछले साल आई दूसरी लहर ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई। वहीं, ओमीक्रोम वेरिएंट की वजह से आई तीसरी लहर अब खत्म होने की राह पर है। इस बीच देश में महामारी की चौथी लहर को लेकर भी कई तरह की आशंकाएं और अटकलें जारी हैं।
इस बीच जानेमाने वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन ने दावा किया है कि जब तक कोरोना वायरस का पूरी तरह से अलग कोई नया वेरिएंट सामने नहीं आता तब तक देश में महामरी की चौथी लहर नहीं आएगी। जैकब जॉन के मुताबिक देश एक बार फिर महामारी खत्म होने के दौर में प्रवेश कर चुका है और चौथी लहर का कोई खतरा अभी नहीं है।
भारत में आएगी कोविड की अब चौथी लहर?
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विषाणु विज्ञान में आधुनिक अनुसंधान केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ जैकब जॉन ने कहा, ‘मेरी निजी अपेक्षा और राय है कि हम चार सप्ताह से अधिक समय तक स्थानिक बीमारी के चरण में रहेंगे। भारत में सभी राज्यों में इस तरह की प्रवृत्ति मुझे यह विश्वास दिला रही है।'
डॉ जॉन ने साथ ही कहा, 'जब तक कोई अप्रत्याशत वेरिएंट सामने नहीं आता जो अल्फा, बीटा, गामा या ओमीक्रोन से बिल्कुल अलग हो, देश में चौथी लहर नहीं आएगी।'
भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3,993 नये मामले सामने आए, जो पिछले 662 दिन में सबसे कम हैं। कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामलों की संख्या 21 जनवरी के बाद कम होनी शुरू हो गयी थी, जब एक दिन में संक्रमण के 3,47,254 मामले सामने आये थे।
इससे पहले आईआईटी कानपुर के अध्ययन में जून में कोविड-19 महामारी की चौथी लहर आने के पूर्वानुमान पर भी कई वैज्ञानिक सवाल उठा चुके हैं।
दरअसल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के नवीनतम मॉडल अध्ययन में कहा गया था कि संभव है कि कोविड-19 महामारी की चौथी लहर 22 जून से शुरू होकर अगस्त के मध्य तक रह सकती है। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ता एस. प्रसाद राजेश भाई, शुभ्र शंकर धर और शलभ द्वारा किए अध्ययन में बताया है कि संभव है कि वायरस के नये स्वरूप का व्यापक असर होगा।
(भाषा इनपुट)