एक्सक्लूसिव: मनीष सिसोदिया दिल्ली में प्राइवेट स्कूल का स्तर गिराने में लगे हैंः अभिषेक मनु सिंघवी
By निखिल वर्मा | Published: May 8, 2019 04:24 PM2019-05-08T16:24:50+5:302019-05-08T16:24:50+5:30
कांग्रेस नेता सिंघवी ने बताया कि आखिर आम आदमी पार्टी से गठबंधन क्यों नहीं हुआ? दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर और शिक्षा के हाल पर उन्होंने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली की राजनीति पर लोकमत से विशेष बातचीत की। सिंघवी ने बताया कि आखिर आम आदमी पार्टी से गठबंधन क्यों नहीं हुआ? दिल्ली के पूर्ण राज्य के मुद्दे पर और शिक्षा के हाल पर उन्होंने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:
प्रश्न: आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हुआ, अभी दिल्ली में कांग्रेस की क्या स्थिति है?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि दिल्ली में वोट विभाजन से जो फायदा बीजेपी देखती है, वो गठबंधन होने से बंद हो जाता। इसलिए कांग्रेस ने मीडिया के सामने भी कहा है कि हम तीन सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हैं। इससे ज्यादा कौन क्या कर सकता है। इसलिए हमने गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी कर दी। अब अगर गठबंधन नहीं हुआ तो आप खुद ही इसका कारण देख लीजिए। दिल्ली के अलावा आप पंजाब-हरियाणा में सीट मांगने लगी।
गठबंधन की बात आप से हो रही थी, जिससे दिल्ली में हमारा सीधा झगड़ा, अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके बावजूद जब दिल्ली में हम संसदीय स्तर पर आपके साथ गठबंधन कर रहे हैं तो आप दूसरे प्रदेश को कैसे ला सकते हैं? इसी चलते बात नहीं बनी और मैं समझता हूं कि कांग्रेस ने सही निर्णय़ लिया।
प्रश्न: अब कांग्रेस को कितनी सीटों पर उम्मीद है?
देखिए जब हम लड़ते हैं तो हर सीट को जीतने की कोशिश होती है। दिल्ली में कांग्रेस ने सभी वरिष्ठ प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, जयप्रकाश अग्रवाल, अजय माकन के साथ सभी अच्छा रिजल्ट देने वाले हैं।
प्रश्न: दक्षिणी दिल्ली के प्रत्याशी विजेंदर सिंह के बारे में आप-बीजेपी का कहना है कि उन्हें 10 विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी नहीं पता?
मीडिया में प्रचारित करने से कोई भी बात सही नहीं हो जाती। मैं भी कई बातें कह सकता हूं। विजेंदर काफी साफगोई वाले इंसान हैं। नए चेहरे हैं और ऊर्जा से भरे हुए हैं।
प्रश्न: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लगातार अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि सभी सातों सीट जीतने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे। क्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल सकता है?
मैं इस बात से सहानुभूति रखता हूं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसकी आकांक्षा होनी चाहिए। किसी भी पार्टी की सरकार हो सकती है और सभी की आकांक्षा लाजिमी है। मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं कि जब 15 साल लगातार दिल्ली में कांग्रेस की सीएम शीला दीक्षित थीं तो इस देश का संविधान दूसरा था? क्या जब दिल्ली सरकार के काम में देरी होती थी तो हर बात पर जाकर रोती थीं। क्या वह कहती थीं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है तो काम नहीं कर पा रही हूं।
लोगों को अब लगने लगा है कि आप और केजरीवाल जी बहाना बनाते रहते हैं। आम आदमी पार्टी कुछ नहीं कर पा रही है तो कह रही कि यहां का ढांचा सही नहीं है। हमने मानते हैं कि कुछ समस्याएं है। लेकिन वह आपके लिए बहाना नहीं बन सकती। शीला दीक्षित ने भी गैर-कांग्रेसी सरकारों में काम किया है। केजरीवाल सरकार के रोने-धोने से लोग तंग आ गए हैं, इसका खामियाजा आम आदमी पार्टी को उठाना होगा। म्यूनिसिपल स्तर यही काम बीजेपी कर रही है। बीजेपी भी एमसीडी में यही कह रही है कि हम तो तैयार हैं, पर पैसा ही नहीं मिलता। बीजेपी-आप दोनों ने बहानेबाजी की है।
प्रश्न: कांग्रेस प्रत्याशी महाबल मिश्रा ने कहा है कि पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग गलत है, पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।
जो मॉडल केजरीवाल जी ने अपनाया है, उसका समर्थन कांग्रेस नहीं करती। आप का मॉडल आक्रोश और असहयोग का है। कांग्रेस ने 15 साल तक काम किया है, लेकिन इस मॉडल को नहीं अपनाया है।
हां कांग्रेस इस बात के विरुद्ध नहीं है कि दिल्ली में कुछ प्रावधान बदले जाए, ज्यादा स्वायत्ता दी जाए। कांग्रेस इस बात को भी मानती है कि देश की राजधानी में हर शक्तियां राज्य सरकार को नहीं मिल सकती। हां, कुछ शक्तियां जहां दिक्कतें आ रही, वो देखा जा सकता है।
प्रश्न: सिसोदिया सरकारी नौकरी में 85 फीसदी रोजगार स्थानीय आबादी को देने की बात कर रहे हैं?
जब भी सत्तारूढ़ सरकार ऐसी बात करती हो तो समस्या होती है। पांच सालों से ये सब करने से आपको किसने रोका था। आज जो आम आदमी पार्टी वायदे कर रही है, उसकी शुरुआत पहले क्यों नहीं की, किसने रोका था।
जो वायदे आप ने पहले किए थे वो ही पूरी नहीं हुई। वाईफाई का क्या हुआ। मैं आप पर आरोप लगाता अगर केजरीवाल सरकार ने 100 फीसदी की जगह 50 फीसदी ही काम कर देती। आपने पहले दो साल वाईफाई को लेकर पूरा हल्ला मचाया, बाद में ही भूल ही गए।
मैं मानता हूं कि सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। लेकिन दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल को दबाया है, काफी गाली-गलौज किया है। जो फायदा इधर हुआ, दूसरी तरफ नुकसान हो गया।
सभी चीजें करनी क्षमता किसी भी सरकार में नहीं है। आप सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाने में लगे और दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूलों का स्तर गिराने में।
प्रश्न: आप बार-बार दावा कर रही कि केंद्र में इस बार सरकार हमारे सहयोग से बनेगी। उनका इशारा यूपीए की तरफ ही है, आप ने तीन मांगें पहले ही रख दी है, क्या कांग्रेस आप के सभी मुद्दों से सहमत हैं?
मैंने इन मुद्दों पर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है। हम कोई क्रांति, धऱना और बहानेबाजी नहीं करते। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जब प्रदेश-केंद्र में एक ही तरह की सरकारें होगी तो यह सोने पर सुहागा होगा। अगर केंद्र में हमारी सरकार बनेगी तो दिल्ली के साथ कोई सौतेला व्यवहार नहीं होगा।