राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव परिवार से कटे होने का दर्द महसूस कर रहे हैं. इनका मानना है कि इन्हें घर परिवार से अलग-थलग करने में कुछ लोग काफी सक्रिए हैं, जो रिश्तेदार भी हैं और वे परिवार में पूरी तरह से हावी भी हैं. लेकिन वह अपने वजूद की लड़ाई के लिए अब पूरी तरह से आर-पार के मूड में हैं. लोकमत समाचार से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि वह अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को 'अर्जुन' मानते हैं और 'कृष्ण' के तौर पर उसके साथ वह हमेशा खड़े रहेंगे. लेकिन उसे भी बहकाने की कोशिश जारी है.
प्रश्न- क्या आप अपने परिवार से बिल्कुल अलग-थलग पड़ गये हैं और आपको वहां तरजीह नहीं मिल रही है, जो मिलना चाहिये था? आपके छोटे भाई तेजस्वी भी आपकी बात नहीं मानते. क्या आप महसूस करते हैं?
तेजप्रताप- देखिए तेजस्वी मेरा कलेजे का टुकड़ा हैं और मां तो मां ही होती है. वह कभी भी मुझसे दूर नहीं है और ना कभी होगी. तेजस्वी मेरा 'अर्जुन' है और मैं ’कृष्ण’ के तौर पर हमेशा उसके साथ खड़े रहेंगे. लेकिन दिक्कत यह है कि मेरे परिवार में हीं कुछ लोग ऐसे प्रवेश कर गए हैं, जो घर को फोड़ना चाहते हैं. लेकिन मैं उन्हें सफल नहीं होने दूंगा. उन्होंने कहा कि जो भी मेरे और मेरे परिवार के बीच आएगा उसका सर्वनाश निश्चित है. उन्होंने कहा कि मेरे घर में तेजस्वी को लोग बहका रहे हैं. तेज प्रताप ने दावा किया कि फैसला तेजस्वी नहीं ले रहा है. ये सभी जानते हैं कि इस तरह का फैसला कौन ले रहा है. प्रश्न-- तो फिर इस परिवार के बीच में कौन आ रहा है और कौन है जो परिवार में दरार डाल रहा है?
तेज प्रताप- यह सभी जानते हैं और मैंने भी बता दिया है कि वो कौन लोग हैं, ( तेज प्रताप का इशारा संजय, मणि और विपिन की तरफ है, लेकिन वह खुलकर नाम नहीं लेना चाहते, तीनों इनके रिश्तेदार हैं) जिनके चलते ही मेरे घर में उथल-पुथल की स्थिति है. मैंने कई मौकों पर यह बात घर में बताई है. लेकिन पता नहीं क्यों लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं. लेकिन उन्हें भरोसा है कि जल्द हीं उनकी कलई खुल जायेगी और वे घर से बाहर होंगे.
प्रश्न-- क्या आपको अपने पिता लालू प्रसाद जी से बातचीत होती है?
तेज प्रताप-- मैं उनसे मिलने जाते रहता हूं और सदैव उनका आशीर्वाद मिलता रहता है. वह हमेशा मेरे साथ हैं और रहेंगे. लोग तरह-तरह की अफवाहें फैलाते रहते हैं. इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. वह अब अपनी बड़ी बहन मीसा भारती के लिए चुनाव प्रचार के लिए निकल रहे हैं और उन्हें जीताना उनका पहला मिशन है. वह इसके लिए दिन-रात एक कर देंगे. मैं लोगों से हमेशा संपर्क में रहता हूं और लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि पाटलीपुत्र का विकास सही मायने में मिसा भारती हीं कर सकती हैं, बाकी लोग हवा-हवाई हैं.
प्रश्न-- आप टिकट के बंटवारे से क्यों नाराज हैं? क्या आपकी सलाह नहीं मानी जाती?
तेज प्रताप-- मैंने केवल दो जगहों पर कहा कि जो लोग पार्टी से जमीन से जुड़े हैं और संघर्षशील लोग हैं, दिन-रात पार्टी के लिए समर्पित हैं, उन्हें हीं टिकट दिया जाना चाहिये. न कि हवा हवई नेताओं को टिकट देकर पार्टी को भद्द पिटवाना चाहिये. मैंने जहानाबाद से चंद्र प्रकाश को और शिवहर से अंगेश को टिकट देने के लिए कहा, जो लोग पार्टी के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं. लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया. पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को एक बार शिवहर प्रत्याशी को लेकर विचार करना चाहिए. तेज प्रताप ने दावा किया कि सैयद फैसल अली भाजपा का आदमी है और क्षेत्र की जनता विरोध कर रही है. तेज प्रताप के कहा कि अगर उनकी मांगों पर तेजस्वी विचार नहीं करेंगे तो जहानाबाद और शिवहर से उनके दो उम्मीदवार निर्दलीय चुनावी मैदान उतरेंगे. उन्होंने कहा हम पार्टी से दो सीटों की मांग की थी, लेकिन तेजस्वी ने विचार नहीं किया. ऐसे में वह अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए राजद के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ भी प्रचार करेंगे. उन्होंने शंखनाद करते हुए कहा कि अब युद्ध होगा. उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपने आस-पास के लोगों से घिरे हुए हैं. मेरी बात न तो माता जी (राबड़ी देवी) से हुई है और न हीं अपने छोटे भाई से. मेरा सुदर्शन चक्र चलेगा और दुश्मन धराशाई होंगे.''
प्रश्न--क्या आप अपने ससुर चन्द्रिका राय के खिलाफ भी चुनाव में मैदान में होंगे? उनके खिलाफ प्रचार करेंगे?
तेज प्रताप- सारण से राजद उम्मीदवार चंद्रिका राय के लिए प्रचार नहीं करेंगे. लेकिन उनके खिलाफ कौन सी रणनीति अपनायेंगे. इसका खुलासा वह बाद में करेंगे. लेकिन वह टिकट बंटवारे से नाराज हैं, कारण कि यह उनके परिवार की सीट रही है. इस सीट से उनके पिता लालू प्रसाद जीतते रहे, फिर मां राबड़ी देवी वहां से चुनाव लड़ीं. ऐसे इसबार भी उन्हें हीं चुनाव लड़ना चाहिये था. लेकिन ऐसा नहीं करके इस परंपरागत सीट को उनसे दूर किया जा रहा है, जिसका वह विरोध कर रहे हैं. वैसे, आज पटना में अपने आवास पर तेज प्रताप यादव ने शंख बजाकर चुनाव प्रचार का एलान किया. उन्होंने कहा कि मैं अपनी मां से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि वह खुद वहां से चुनावी मैदान में उतरें. अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडूंगा और इसे जीतने की पूरी कोशिश करूंगा.''
प्रश्न--आपने लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया है. उसका मकसद क्या है ऐसी स्थिति क्यों आन पड़ी?
तेज प्रताप--अगर पार्टी मेरी मांग नहीं मानती है तो इस मोर्चे के तहत बिहार भर में 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा. यह मैंने तय किया है. हालांकि अभी अधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया है और अलग पार्टी बनाने का मेरा कोई इरादा नहीं है. हर हाल में पार्टी अर्थात राजद को मजबूत बनाना है. दरअसल, वह चाहते हैं कि पार्टी युवाओं को टिकट दे. इसलिए वह अपने करीबी दोस्त चंद्र प्रकाश के लिए जहानाबाद से टिकट की मांग कर रहे थे. लेकिन राजद ने जब अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की तो जहानाबाद सीट से सुरेंद्र यादव को टिकट दे दिया. हालांकि, उन्होंने तेजस्वी यादव के लिए एक भी बात विरोध में नहीं कही और फिर दोहराया कि तेजस्वी उनका अर्जुन है.