एक्सक्लूसिव: नीति आयोग के जरिये मोदी सरकार में 55 शीर्ष पदों पर होगी सीधी भर्ती
By हरीश गुप्ता | Published: June 7, 2019 07:31 AM2019-06-07T07:31:26+5:302019-06-07T07:31:26+5:30
यूपीएससी के जरिये 10 उच्चशिक्षित विशेषज्ञों के पहले बैच को सीधे आईएएस में प्रवेश को हरी झंडी देने के बाद अब मोदी सरकार सिविल सर्विसेज में 55 पदों पर विशेषज्ञों की सीधी भर्ती करने जा रही है. सरकार ने इस मर्तबा यह जिम्मेदारी यूपीएससी की बजाय नीति आयोग को देने का फैसला किया है. इस संबंध में विज्ञापन इसी माह या जुलाई के अंत तक आ सकता है.
इस बीच यूपीएससी द्वारा चयनित लोगों का साक्षात्कार हो चुका है और उन्हें जल्द ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे. यूपीएससी ने फाइल कार्मिक व प्रशासन विभाग को भेज दी है. इन सभी को संयुक्त सचिव की रैंक पर चुना गया है. नीति आयोग ने उन क्षेत्रों का चयन कर लिया है, जहां पर इन 55 अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है. यह नियुक्ति संचालक, संयुक्त सचिव और यहां तक कि अतिरिक्त सचिव तक के स्तर पर की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक शीर्ष पदों की यह भर्तियां 500 के आंकड़े को छू सकती है. प्रस्तावित विज्ञापन पर पीएमओ के अधीन आने वाले प्रशासन व कार्मिक विभाग की नजदीकी नजर है, क्योंकि यह काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. प्रतिभाओं का चयन निजी क्षेत्र से प्रदर्शन और अन्य योग्यताओं के आधार पर किया जाना है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने आयुष, स्वच्छता अभियान और अन्य महत्वपूर्ण विभागों में उच्चशिक्षित पेशेवरों को मौका देने का चलन शुरू किया है. इन सचिवस्तरीय अधिकारियों का कार्यकाल एक तय अवधि के लिए है और नियमित नौकरशाही की वरिष्ठता सूची इससे अप्रभावित है.
क्या होगा खास?
इन अधिकारियों का तय मासिक वेतन 3 लाख से कुछ ज्यादा होगा और सेवा की अवधि पांच वर्ष की होगी. अब तक ऐसी भर्ती अनुबंध के आधार पर की जाती थी. पांच साल के बाद अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा होगी और बेहतर प्रदर्शन की स्थिति में कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.