दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर का 94 वर्ष की उम्र में निधन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 20, 2018 02:19 PM2018-04-20T14:19:58+5:302018-04-20T14:33:02+5:30
जस्टिस राजिंदर सच्चर दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। वो मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित सच्चर कमेटी के चेयरमैन भी थे।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजिंदर सच्चर का 94 वर्ष की उम्र में शुक्रवार (20 अप्रैल) को निधन हो गया। जस्टिस सच्चर पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे। राजिंदर सच्चर का जन्म 22 दिसंबर 1923 को लाहौर में हुआ था। उनके पिता भीमसेन सच्चर थे। उनके दादा लाहौर के नामी क्रिमिनल लॉयर थे। राजिंदर सच्चर ने लाहौर के डीएवी हाई स्कूल से पढ़ाई करने के बाद गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर एंड लॉ कॉलेज, लाहौर से पढ़ाई की।
राजिंदर सच्चर ने अप्रैल 1952 में शिमला से वकालत शुरू की थी। दिसंबर 1960 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। फरवरी 1970 को राजिंदर सच्चर को दिल्ली हाई कोर्ट में दो साल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। फरवरी 1972 में उनका कार्यकाल दो और सालों के लिए बढ़ा दिया गया।
जुलाई 1972 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का स्थायी जज नियुक्त कर दिया गया। मई 1975 से मई 1976 तक जस्टिस सच्चर सिक्किम हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी के दौरान जस्टिस सच्चर का सिक्किम से राजस्थान ट्रांसफर कर दिया गया था। जस्टिस सच्चर ने ये आदेश मानने से इनकार कर दिया था।
इमरजेंसी हटने के बाद जुलाई 1977 में उन्हें दोबारा दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्त किया गया। सच्चर 6 अगस्त 1985 से 22 दिसंबर 19865 तक दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। न्यायपालिका से रिटायर होने के बाद जस्टिस सच्चर नागरिक अधिकारों के संगठन पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज से जुड़े रहे थे।
यूपीए सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा गठित सात सदस्यीय सच्चर कमेटी के चेयरमैन थे। इस कमेटी को देश में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति पर रिपोर्ट पेश करनी थी। मनमोहन सिंह सरकार ने नवंबर 2006 में 403 पन्नों वाली सच्चर कमेटी की रिपोर्ट संसद में पेश की थी।