हैदराबाद में कुत्तों का कहर; अस्पताल में रोजाना आते हैं 100 मामले, जानें क्या है वजह?

By अंजली चौहान | Published: March 4, 2023 04:25 PM2023-03-04T16:25:18+5:302023-03-04T16:27:00+5:30

डॉक्टर ने कहा, "रेबीज का कोई इलाज नहीं है। इसमें 100 प्रतिशत मृत्यु दर है।" उन्होंने कहा कि किसी भी केस में हमें कुत्ते के काटने से बचने के लिए उचित कदमों का पालन करना चाहिए।

Everyday 100 cases of dog bites come in Hyderabad hospital doctors gave this advice | हैदराबाद में कुत्तों का कहर; अस्पताल में रोजाना आते हैं 100 मामले, जानें क्या है वजह?

फाइल फोटो

Highlightsहैदराबाद में कुत्ते के काटने के मामलों में तेजी से उछाल शहर के सरकारी अस्पताल में हर रोज 100 मामले आ रहे डॉक्टरों ने लोगों को कुत्तों के काटने से बचने के लिए दी सलाह

हैदराबाद में कुत्तों के काटने का मामला दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सरकारी बुखार अस्पताल में शहर में कुत्तों के काटने के सबसे अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अस्पताल में कुत्तों के काटने के करीब 100 मामले सामने आने लगे हैं।

गवर्नमेंट फीवर हॉस्पिटल में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर कोंडल रेड्डी ने बताया कि इस मौसम में कुत्ते और उग्र हो जाते हैं और इसलिए अस्पताल में हर रोज करीब 90 से 110 मामले आ रहे हैं। 

डॉक्टर ने कहा, "रेबीज का कोई इलाज नहीं है। इसमें 100 प्रतिशत मृत्यु दर है।" उन्होंने कहा कि किसी भी केस में हमें कुत्ते के काटने से बचने के लिए उचित कदमों का पालन करना चाहिए। अगर अधिक आवारा कुत्ते हैं, तो उन्हें नसबंदी के लिए अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए। 

डॉक्टर का कहना है कि गर्मियों में कुत्ते उग्र हो जाते हैं ऐसे में उन्हें समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए। जिसके लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। लोगों को अपने बच्चों को खासतौर पर आवारा कुत्तों से दूर रखना चाहिए। किसी भी सार्वजनिक जगह जाते हुए लोगों को आवारा कुत्तों से सावधान रहना चाहिए। 

कुत्ते के काटने के बाद क्या करें?

हैदराबाद में जिस तरह आवारा कुत्तों के काटने का मामला बढ़ रहा है। उसे देखते हुए डॉक्टर लोगों को खास सलाह दे रहे जिससे लोग अपना बचाव कर सके। डॉक्टर कोंडल रेड्डी ने कुत्ते के काटने के बाद क्या करना चाहिए इस बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि कुत्ते के काटने की चोट मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। पहला मामूली खरोंच, दूसरा गहरी चोट और तीसरा काटने से जब मांसपेशियां तक नजर आने लग जाए। 

चाहे घरेलू कुत्ता काटे या आवारा, पहले हम 10 दिनों के लिए जानवर का निरीक्षण करते है कि वो जिंदा है या मर गया। हालांकि, अब हम दूसरी तरह के काटने वाले मामलों में अधिकतर लोगों को टीकाकरण दिया जा रहा है। कुत्ता काटने के फौरन अगर उस जगह को साबुन और डिटर्जेंट से धो लिया जाए तो रेबीज को 80 प्रतिशत तक होने से रोका जा सकता है। कुत्ते के काटने के बाद यह सबसे अहम चीज है जिसे आप डॉक्टर के पास जाने से पहले कर सकते हैं। 

डॉक्टर रेड्डी का कहना है कि कुत्ते काटने वाली जगह को धोकर खुला छोड़ दें लेकिन उससे कभी भी पट्टी से नहीं बांधना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में सरकार ने मुफ्त रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की आपूर्ति की है।

अस्पताल में दिन और रात दोनों समय टीकाकरण किया जाता है। डॉक्टर का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को रेबीज हो जाता है तो उसका जिंदा बच पाना मुमकिन नहीं। रेबीज न केवल कुत्ते के काटने से बल्कि घरेलू बिल्ली, जंगली बिल्ली या बंदर के काटने से हो सकता है। 

Web Title: Everyday 100 cases of dog bites come in Hyderabad hospital doctors gave this advice

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे