यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के सरकारी दावे के बावजूद छात्रों के मन में डर अब भी कायम है, देखिये वीडियो
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 26, 2022 07:18 PM2022-02-26T19:18:37+5:302022-02-26T19:32:44+5:30
यूक्रेन के खारकीव से नदीम मांडेलिया नाम के एक भारतीय छात्र ने वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि वो रोमानिया बॉर्डर से 1 हजार किलोमीटर दूर हैं और खारकीव से रोमानिया बॉर्डर तक जाना संभव ही नहीं है। नदीम का आरोप है कि खारकीव से रोमानिया बॉर्डर तक जाने के लिए भारतीय एम्बेसी उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है।
दिल्ली: यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश के बीच शनिवार को 219 नागरिकों को लेकर एयर इंडिया का पहला विमान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुआ।
रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद रोमानिया से भारत की यह पहली फ्लाइट है। विमान के मुंबई पहुंचने के बाद एक फ्लाइट दिल्ली के लिए भी रवाना होगी।
वहीं यूक्रेन के खारकीव से नदीम मांडेलिया नाम के एक भारतीय छात्र ने वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि वो रोमानिया बॉर्डर से 1 हजार किलोमीटर दूर हैं और खारकीव से रोमानिया बॉर्डर तक जाना संभव ही नहीं है। नदीम कह रहे हैं कि उनके पास कोई साधन नहीं है कि रोमानिया बॉर्डर तक वो जा सके और न ही भारतीय एम्बेसी इस मामले में उनकी मदद कर रहा है।
नदीम वीडियो में कह रहे हैं कि भारतीय एम्बेसी चर्निस्कीव से छात्रों को रेस्क्यू कर रहा है, जो रोमानिया से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है। वहां से तो छात्र रोमानिया तक पैदल भी जा सकते हैं लेकिन खारकीव 1000 किलोमीटर दूर है रोमानिया से। भारत की सरकार को यहां से छात्रों को ले जाने के लिए कोई रास्ता खोजना चाहिए।
उनका कहना है कि खारकीव शहर से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए दूतावास कोई पहल नहीं कर रहा है। नदीम कह रहे हैं कि पूरे यूक्रेन में कुल 20 हजार छात्र पढ़ रहे हैं, जिसमें से अकेले खारकीव में 7 हजार छात्र पढ़ाई कर रहे हैं क्योंकि यूक्रेन की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी यहीं पर है।
वीडियो में वो कह रहे हैं कि यहां के छात्रों को अब तक नहीं पता है कि वो कैसे यहां से जाएंगे, उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। बच्चों के पास यहां खाने के लिए भी कुछ नहीं है क्योंकि यहां सारी दुकाने बंद हो चुकी हैं।
वहीं समाचार एजेंसी ने भारतीय विमान के भीतर से भी एक वीडियो जारी किया है, जिसमें एक भारतीय अधिकारी को विमान में सवार छात्रों को आश्वस्त करते हुए सुना जा सकता है कि अगर कोई भी भारतीय नागरिक पीछे छूट जाता है तो उनका मिशन पूरा नहीं होगा।
मालूम हो कि रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद 24 फरवरी की सुबह से यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया गया है, इसलिए उड़ानें पड़ोसी देशों से संचालित हो रही हैं। एअर इंडिया यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए शनिवार को और उड़ानें संचालित की जाएगी।
इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही यूक्रेन में फंसे अपने सभी नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश ले आयेगा। इसके लिए हमारी टीमें 24 घंटे जमीन पर काम कर रही हैं। मैं इस पूरे ऑपरेशन की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।"
संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का सरकार भले ही दावा कर रही हो लेकिन फिर भी युद्धक्षेत्र में फंसे भारतीय छात्रों के मन में बना हुआ डर अब भी कायम है।