"मणिपुर हिंसा एक मानवीय समस्या...", अमेरिकी राजदूत ने मणिपुर को लेकर भारत के सामने की मदद की पेशकश
By अंजली चौहान | Updated: July 7, 2023 10:23 IST2023-07-07T10:20:39+5:302023-07-07T10:23:24+5:30
अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि मणिपुर में स्थिति से निपटने के लिए यदि कहा गया तो संयुक्त राज्य अमेरिका भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

फोटो क्रेडिट- ट्विटर
नई दिल्ली: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भड़की हिंसा महीनों से थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में सेना के जवानों की तैनाती की गई है फिर में यहां रोजाना हिंसा के कई मामले सामने आ रहे हैं।
इस बीच, भारत के दौरे पर आए अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिकामणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए तैयार है।"
अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अमेरिका के लिए मणिपुर हिंसा एक मानवीय चिंता का विषय है और अगर शांति कायम हो जाए तो ये देश में अधिक निवेश कर सकते हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल होने की प्रार्थना की।
कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि मुझे पहले मणिपुर के बारे में बोलने दीजिए। हम वहां शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। जब आप हमसे संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता के बारे में पूछते हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक चिंता है। मुझे लगता है यह मानवीय चिंता के बारे में है।
#WATCH | US ambassador to India Eric Garcetti speaks on Manipur violence, says," I don't think it's about strategic concerns, it's about human concerns. You don't have to be an Indian to care when children or individuals die in this sort of violence. We know peace as a precedent… pic.twitter.com/4ZniEo6Opz
— ANI (@ANI) July 7, 2023
'मणिपुर की चिंता करने के लिए भारतीय होने की जरूरत नहीं'
उन्होंने कहा कि मणिपुर में जब हम बच्चों और लोगों को हिंसा में मरते हुए देखते हैं तो आपको चिंता करने के लिए भारतीय होने की जरूरत नहीं है। हम जानते हैं कि शांति कई अन्य अच्छी चीजों के लिए मिसाल है। पूर्वोत्तर में कई अन्य अच्छी चीजें हुई हैं और वे शांति के बिना जारी नहीं रह सकतीं।
भारत के लिए सहायता देने की पेशकश करते हुए गार्सेटी ने कहा कि अगर पूछा गया तो हम किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार हैं।
हम जानते हैं कि यह एक भारतीय मामला है और हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और यह जल्द ही आ सकती है। क्योंकि हम अधिक सहयोग, अधिक परियोजनाएं अधिक निवेश ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक बहुत स्पष्ट संदेश जो मैं भेजना चाहता हूं भारत का पूर्व और भारत का उत्तर-पूर्व संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए मायने रखता है। इसके लोग, इसके स्थान, इसकी क्षमता और इसका भविष्य हमारे लिए मायने रखता है।
बता दें कि अमेरिकी राजदूत गार्सेटी अपनी पहली कोलकाता यात्रा पर हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री के प्रधान मुख्य सलाहकार अमित मित्रा से मुलाकात की और आर्थिक अवसरों पर चर्चा की।
क्षेत्रीय संपर्क योजनाएँ, सांस्कृतिक संबंध और महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को भविष्य में शांति और प्रगति के लिए निवेश करना चाहिए।