नई दिल्ली: हाल ही में जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक-2022 (Environment Performance Index-2022, EPI) में भारत को 180 देशों में सबसे आखिरी स्थान दिया गया है। पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक एक अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग प्रणाली है जो किसी देश के पर्यावरणीय स्वास्थ्य और निरंतरता (sustainability) को मापती है।
इस रैंकिंग सिस्टम में भारत 18.9 के मामूली स्कोर के साथ 180वीं रैंकिंग हासिल करते हुए पाकिस्तान, बांग्लादेश, वियतनाम और म्यांमार जैसे देशों के बाद है। भारत सहित ये सभी पांच देश नीचे के पांच स्थानों के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश हैं। ईपीआई के अनुसार भारत ने कानून के शासन, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और सरकारी प्रभावशीलता पर भी कम स्कोर प्राप्त किया है।
इपीआई-2020 में भारत 27.6 के स्कोर के साथ 168वें स्थान पर था। EPI-2020 में डेनमार्क को पहले स्थान पर रखा गया था। ईपीआई की रिपोर्ट दो सालों पर आती है। इसकी शुरुआत 2002 में येल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल लॉ एंड पॉलिसी और कोलंबिया यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क के सहयोग से वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा पर्यावरण स्थिरता सूचकांक बताने के तौर पर की गई थी।
ईपीआई जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण के क्षेत्र में 11 कैटेगरी में 40 मानको पर 180 देशों की रैंकिंग बताता है। ये रैंकिंग ये बताने की कोशिश करती है कि कोई देश पर्यावरण नीति और इससे संबंधित लक्ष्यों को स्थापित करने के कितने करीब हैं। कुल मिलाकर ईपीआई रैंकिंग बताती है कि कौन से देश पर्यावरणीय चुनौतियों का सबसे अच्छा समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहे हैं।
ईपीआई रैंकिंग में शीर्ष-5 देश
डेनमार्कयुनाइटेड किंगडमफिनलैंडमाल्टास्वीडन
ईपीआई रैंकिंग में भारत और पड़ोसी देश
अफगानिस्तान (81)श्रीलंका (132)चीन (160)नेपाल (162)पाकिस्तान (176)बांग्लादेश (177)भारत (180)
कुछ प्रमुख मानक और भारत का स्थान
जैव विविधता: 179संरक्षित क्षेत्र: 177प्रजाति संरक्षण सूचकांक: 175वायु गुणवत्ता: 179जलवायु नीति: 165ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन (171)इकोसिस्टम वाइटेलिटी (178)जैव विविधता आवास सूचकांक (170)पीएम 2.5 (174)कचरा प्रबंधन (151)