साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात बंगाली लेखक समरेश मजूमदार का निधन; पीएम मोदी, ममता बनर्जी ने जताया शोक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 9, 2023 10:54 AM2023-05-09T10:54:44+5:302023-05-09T11:03:52+5:30

समरेश ने अपनी ‘उत्तराधिकार’, ‘कालबेला’ और ‘कालपुरुष’ जैसी राजनीति पर आधारित बेहद चर्चित किताबों के अलावा लघु कथाएं और यात्रावृत्तांत भी लिखे।

Eminent Bengali writer Samaresh Majumdar passes away at age 79 PM Modi Mamat Banerjee expressed grief | साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात बंगाली लेखक समरेश मजूमदार का निधन; पीएम मोदी, ममता बनर्जी ने जताया शोक

साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात बंगाली लेखक समरेश मजूमदार का निधन; पीएम मोदी, ममता बनर्जी ने जताया शोक

Highlightsनक्सली आंदोलन की पृष्ठभूमि पर लिखी गई ‘कालबेला’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।मजूमदार का जासूसी चरित्र ‘अर्जुन’ भी काफी लोकप्रिय हुआ था।मजूमदार ने अपना अधिकतर बचपन उत्तर बंगाल के चाय बागानों में बिताया था।

कोलकाताः साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता बंगाली साहित्यकार समरेश मजूमदार का कोलकाता के एक निजी अस्पताल में सोमवार शाम निधन हो गया। उन्हें 1970 के दशक के अशांत नक्सलवादी काल को चित्रित करने के लिए जाना जाता है। मजूमदार 79 वर्ष के थे। वह 12 वर्षों से भी ज्यादा समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित थे। हाल में उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। शाम करीब पौने छह बजे उन्होंने अंतिम श्वांस ली।

समरेश के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गहरा शोक प्रकट किया

समरेश के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि समरेश मजूमदार को बंगाली साहित्य में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनकी रचनाएं पश्चिम बंगाल के समाज और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम् शांति।

समरेश मजूमदार की चर्चित कृतियां

समरेश ने अपनी ‘उत्तराधिकार’, ‘कालबेला’ और ‘कालपुरुष’ जैसी राजनीति पर आधारित बेहद चर्चित किताबों के अलावा लघु कथाएं और यात्रावृत्तांत भी लिखे। उन्हें नक्सली आंदोलन की पृष्ठभूमि पर लिखी गई ‘कालबेला’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। मजूमदार का जासूसी चरित्र ‘अर्जुन’ भी काफी लोकप्रिय हुआ था।

 साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षतिः ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि यह साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। जाने-माने फिल्म निर्देशक गौतम घोष ने कहा कि मजूमदार ही वह व्यक्ति थे जो उत्तर बंगाल में 1970 के दशक के अशांत दौर को किताब के जरिये सामने लेकर आए। मजूमदार ने अपना अधिकतर बचपन उत्तर बंगाल के चाय बागानों में बिताया था और इस अनुभव ने उनके लेखन में एक अमिट छाप छोड़ी। पश्चिम बंगाल में 1960 और 1970 के दशक में नक्सली आंदोलन की आहट राज्य के चाय बागानों में शुरू हुई थी। 

भाषा इनपुट के साथ

Web Title: Eminent Bengali writer Samaresh Majumdar passes away at age 79 PM Modi Mamat Banerjee expressed grief

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