एलगार परिषद प्रकरण: एनआईए की प्राथमिकी में 11 लोग यूएपीए और भादंसं के तहत आरोपित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 4, 2020 03:48 PM2020-02-04T15:48:15+5:302020-02-04T15:48:15+5:30

महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा में एक जनवरी, 2018 को एक युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़क गयी थी। उससे एक दिन पहले पुणे के शनिरवाडा इलाके में एलगार परिषद की बैठक में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया गया था।

Elgar Parishad case: 11 people charged under UAPA and Bhadanson in NIA FIR | एलगार परिषद प्रकरण: एनआईए की प्राथमिकी में 11 लोग यूएपीए और भादंसं के तहत आरोपित

एलगार परिषद प्रकरण: एनआईए की प्राथमिकी में 11 लोग यूएपीए और भादंसं के तहत आरोपित

Highlightsकोरेगांव भीमा में एक जनवरी, 2018 को एक युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़क गयी थी।एलगार परिषद की बैठक में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया गया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एलगार परिषद मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और जेल में बंद नौ व्यक्तियों समेत 11 लोगों को यूएपीए और भादंसं के प्रावधानों के तहत आरोपित किया है। कुछ दिन पहले ही केंद्र ने महाराष्ट्र का यह मामला उसे सौंपा था। आरोपियों के वकील सिद्धार्थ पटेल ने बताया कि पुणे पुलिस ने जांच के दौरान इस मामले में भादंसं की धारा 124 ए (देशद्रोह) लगायी थी लेकिन एनआईए की प्राथमिकी में ऐसा कोई आरोप नहीं है।

महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा में एक जनवरी, 2018 को एक युद्ध स्मारक के समीप हिंसा भड़क गयी थी। उससे एक दिन पहले पुणे के शनिरवाडा इलाके में एलगार परिषद की बैठक में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया गया था। पुणे पुलिस ने दावा किया कि इस बैठक को प्रतिबंधित माओवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था और उसने घटना के सिलसिले में सामाजिक कार्यकर्ताओं-- सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, सोमा सेन, अरूण फरीरा, वर्नोन गोंजालविस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को नक्लसियों के साथ कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किया।

केंद्र ने 24 जनवरी को इस मामले को पुणे पुलिस से लेकर केंद्रीय एजेंसी एनआईए को सौंप दी। विश्रामबाग थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। एनआईए की प्राथमिकी उसके द्वारा पुणे की विशेष अदालत में दिये गये आवेदन का हिस्सा है जिसमें जब्त डाटा, अदालत रिकार्ड और सुनवाई संबंधी ब्योरा मांगा गया है। इस प्राथमिकी में 11 लोगों को भादंसं की धाराओं 153ए (समूहों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देना), 505 (1)(बी) (लोगों के बीच भय या घबराहट पैदा करने की मंशा या आशंका वाले कृत्य) , 117 (लोगों या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध के लिए उकसाना) के तहत आरोपित किया गया है।

प्राथमिकी के अनुसार आरोपियों पर अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं 13 (अवेध गतिविधियां), 16 (आतंकवादी कृत्य), 18 (साजिश), 18 बी (आतंकवादी गतिविधि के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को भर्ती करना),20 (किसी आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) और 39 (आतंकवादी संगठन को सहयोग पहुंचाने से संबंधित अपराध) भी लगायी गयी हैं।

ग्यारह आरोपियों में वे नौ लोग भी शामिल हैं जिन्हें पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी में दो अन्य के भी नाम हैं वे हैं सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेल्तुम्बे। एनआईए की प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में 11 लोगों के नाम तो हैं ही, साथ ही ‘अन्य’ भी लिखा गया है।

पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनआईए को जांच से संबंधित सभी केस कागजात मिल जाने के बाद और धाराएं एवं और आरोपियों के नाम जोड़े जा सकते हैं। पुणे पुलिस ने इस मामले में दो आरोपपत्र दायर किये थे। इससे पहले दिन में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष ने एनआईए के आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए पुणे की अदालत से और वक्त मांगा। एनआईए ने अपने आवेदन में एलगार परिषद मामले को मुम्बई की विशेष एनआईए अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की है।

Web Title: Elgar Parishad case: 11 people charged under UAPA and Bhadanson in NIA FIR

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