पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह विवाद पर राकांपा गुटों की याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा चुनाव आयोग

By मनाली रस्तोगी | Published: October 6, 2023 09:35 AM2023-10-06T09:35:54+5:302023-10-06T09:37:18+5:30

अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी और जब उन्होंने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचा।

Election Commission to hear pleas by NCP factions over party name, symbol row | पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह विवाद पर राकांपा गुटों की याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा चुनाव आयोग

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Highlightsअजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी।अजित पवार ने कहा था कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे।सुप्रिया सुले ने कहा था कि पार्टी की स्थापना वरिष्ठ नेता शरद पवार ने की थी और जाहिर है कि चुनाव चिह्न उनके पास ही रहना चाहिए।

मुंबई: भारत चुनाव आयोग पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। एनसीपी के एक गुट का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार कर रहे हैं।

अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट और पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के बीच झगड़े के बीच जुलाई की शुरुआत में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। 

बाद में चुनाव आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को पत्र लिखकर विभाजन को स्वीकार किया और शरद पवार और अजीत पवार दोनों को मतदान निकाय को सौंपे गए दस्तावेजों को एक-दूसरे के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया। आज चुनाव आयोग के समक्ष मामले की पहली सुनवाई है।

आयोग ने जुलाई में अजित पवार गुट द्वारा दायर याचिका के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। याचिका में दावा किया गया कि अजित पवार को राकांपा अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार पार्टी का प्रतीक आवंटित किया जाना चाहिए।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था कि पार्टी की स्थापना वरिष्ठ नेता शरद पवार ने की थी और जाहिर है कि चुनाव चिह्न उनके पास ही रहना चाहिए। 

उन्होंने कहा था, "एनसीपी में कोई लड़ाई नहीं...पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार है। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार हैं और महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल हैं। इसके (प्रतीक) जाने का कोई सवाल ही नहीं है।' पार्टी शरद पवार ने बनाई है तो चुनाव चिह्न उन्हीं के पास रहना स्वाभाविक है।"

वहीं, अजित पवार ने कहा था कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा था, "अंतिम निर्णय चुनाव आयोग देगा...तारीखें मिलने के बाद दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व चुनाव आयोग के समक्ष किया जाएगा...उसके बाद जो अंतिम निर्णय आएगा उसे मैं स्वीकार करूंगा।"

अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी और जब उन्होंने 2 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो उनका नोटिस 5 जुलाई को चुनाव आयोग के कार्यालय में पहुंचा। अजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी।

Web Title: Election Commission to hear pleas by NCP factions over party name, symbol row

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