मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे के फैसले को पलटा, कार शेड वापस आरे कॉलोनी में लाने का निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 1, 2022 01:09 PM2022-07-01T13:09:16+5:302022-07-01T13:13:43+5:30
मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान फड़नवीस ने राज्य प्रशासन को जलयुक्त शिवर योजना को भी दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया, जिसे एमवीए सरकार ने कथित भ्रष्टाचार की वजह से बंद कर दिया था।
मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सत्ता में आने के कुछ घंटे बाद हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार के मुंबई मेट्रो लाइन-3 के आरे कॉलोनी में प्रस्तावित कार शेड को स्थानांतरित करने के फैसले को पलटने की दिशा में पहला कदम उठाया।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में फड़नवीस ने राज्य के महाधिवक्ता और प्रशासन को मेट्रो-3 लाइन के कार शेड को कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में बनाने का प्रस्ताव जमा करने का निर्देश दिया। यह संयोग है कि शिंदे के पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे ने नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री बनते ही आरे कॉलोनी में मेट्रोलाइन-3 का कार शेड बनाने के प्रस्ताव पर रोक लगाने का ऐलान किया था।
गौरतलब है कि पेड़ों से घिरे आरे इलाके में कार शेड बनाने के प्रस्ताव को पर्यावरण समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा था, क्योंकि इसके लिए सैकड़ों पेड़ों को काटना पड़ा। उद्धव ठाकरे नीत सरकार ने बाद में कार शेड को कांजुरमार्ग स्थानांतरित कर दिया, लेकिन यह कानूनी दांव पेंच में फंस गया।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने के 24 घंटे के भीतर गुरुवार को शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जबकि देवेंद्र फड़नवीस ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान फड़नवीस ने राज्य प्रशासन को जलयुक्त शिवर योजना को भी दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया, जिसे एमवीए सरकार ने कथित भ्रष्टाचार की वजह से बंद कर दिया था। जल संचय की यह योजना फड़नवीस नीत पूर्ववर्ती सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी।
फड़नवीस ने महाधिवक्ता को आरे कॉलोनी में कार शेड (ट्रेनों को खड़ी करने और साफ-साफाई व मरम्मत स्थान) बनाने के मामले में सरकार का पक्ष रखने को कहा। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मौजूदा समय में अदालत के समक्ष विचाराधीन है और अगली सुनवाई 15 दिनों के बाद होगी।