वुल्लर झील को कश्मीर की पहचान बनाने की कवायद तेज, प्रशासन ने शुरू किया वुल्लर फेस्टिवल
By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 1, 2022 03:23 PM2022-09-01T15:23:39+5:302022-09-01T15:25:33+5:30
वुल्लर झील की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने की खातिर वुल्लर बटालियन, 26-असाम राइफल्स और जिला प्रशासन बांडीपोरा द्वारा आयोजित वुल्लर फेस्टिवल का भी कल आयोजन किया जा चुका है। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग पोल ने कहा कि झील के चारों ओर सुंदर गैर-मोटरेबल वाकवे विकसित किया जाएगा जो अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
जम्मू: अब कश्मीर की पहचान डल झील नहीं बल्कि वुल्लर झील को बनाए जाने की कवायद तेज हो गई है। इसकी खातिर जहां सरकार उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में एशिया की प्रसिद्ध वुल्लर झील के चारों ओर एक गैर-मोटर योग्य पैदल मार्ग का निर्माण करने जा रही है वहीं डल झील की ही तरह इसमें शिकारे और हाउसबोट भी उतारने की तैयारी है।
वुल्लर झील की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने की खातिर वुल्लर बटालियन, 26-असाम राइफल्स और जिला प्रशासन बांडीपोरा द्वारा आयोजित वुल्लर फेस्टिवल का भी कल आयोजन किया जा चुका है। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए कश्मीर के मंडलायुक्त पांडुरंग पोल ने कहा कि झील के चारों ओर सुंदर गैर-मोटरेबल वाकवे विकसित किया जाएगा जो अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि ओडिशा की चिल्का झील दुनिया भर में पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन वुल्लर झील जैव विविधता और अन्य प्राकृतिक किस्मों की तुलना में अधिक सुंदर है। उनका कहना था कि वुल्लर में लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बदलने की क्षमता है। यह सच है कि कश्मीर की यह झील पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। वुल्लर झील को सबसे सुंदर झीलों में शुमार किया जाता है।
ताजे पानी की इस झील को एशिया में मीठे पानी की सबसे लंबी झील कहा जाता है। हरमुख पर्वत की तलहटी पर स्थित यह झील 130 वर्ग किलोमीटर के कुल क्षेत्रफल में फैली हुई है और कश्मीर के उत्तरी भागों में स्थित है। झील एक विशाल आबादी की आजीविका का भी समर्थन करती है और प्रवासी जल पक्षियों का निवास स्थान है। इसकी बहाली के लिए, कई मिलियन ड्रेजिंग परियोजना का काम, एशिया में सबसे बड़े बहाली प्रयासों में से एक, झील में वर्षों से चल रहा है।
वुल्लर कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट अथारिटी (डब्ल्यूसीएमए) के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर की डल झील और अन्य जल निकायों में पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण शिकारा औश्र हाउसबोट अब वुल्लर झील में पेश किए जाएंगे ताकि अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हम इसे एक परीक्षण के आधार पर शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पर्यटकों को झील की ओर आकर्षित करना है, जबकि स्थानीय लोग भी इससे जीविकोपार्जन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने युवा लड़कों का एक बोट क्लब भी स्थापित किया है, जिन्हें जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके बाद वे प्रमुख जल क्रीड़ा आयोजनों में भाग ले सकेंगे।