भाईचारे, साम्प्रदायिक सौहार्द को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है: महबूबा

By भाषा | Published: August 25, 2021 08:19 PM2021-08-25T20:19:59+5:302021-08-25T20:19:59+5:30

Efforts are being made to destroy brotherhood, communal harmony: Mehbooba | भाईचारे, साम्प्रदायिक सौहार्द को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है: महबूबा

भाईचारे, साम्प्रदायिक सौहार्द को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है: महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर महात्मा गांधी के धर्मनिरपेक्ष भारत में शामिल हुआ था जिसकी स्थापना भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द पर हुई थी, लेकिन अब इन्हें खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। महबूबा ने केंद्र के प्रमुख क्षेत्रों में अपनी संपत्ति का मौद्रिकरण करने के फैसले की भी आलोचना की और कहा कि पिछले 70 वर्षों में देश में जो कुछ भी बनाया गया है उसे अब ‘‘बेचा जा रहा है।’’ महबूबा ने शोपियां जिले में पार्टी के एक सम्मेलन के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा (गांधी) जी के भारत में शामिल हुआ था... धर्मनिरपेक्ष भारत जहां भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द था। अब यह सब खत्म करने की कोशिश की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि यदि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र नहीं होता तो जम्मू-कश्मीर इसमें शामिल नहीं हुआ होता। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने संपत्ति के मौद्रिकरण के केंद्र के कदम पर कहा कि सरकार पिछले 70 वर्षों में, मुख्य रूप से कांग्रेस के शासन के दौरान बनाई गई सभी संपत्तियों को बेच रही है। महबूबा ने कहा, ‘‘आप इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो पेट्रोल पंपों, राजमार्गों, बिजली परियोजनाओं को बेच रही है? पिछले 70 वर्षों में जो कुछ भी बनाया गया था, वह बेचा जा रहा है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की। इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाये जायेंगे और संपत्तियों का विकास किया जायेगा। महबूबा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह ‘असहमति की आवाज को दबा रही है’ और जो भी इसके खिलाफ बोलता है उसे गिरफ्तार किया जा रहा है। दिल्ली में गत जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के बीच हुई बैठक का उल्लेख करते हुए पीडीपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री से कहा था कि लोगों का दमन और उत्पीड़न खत्म होना चाहिए। महबूबा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों की गिरफ्तारी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। महबूबा ने कहा, ‘‘लोग अदालतों से बरी होने के 12 साल बाद रिहा हो रहे हैं। सिर्फ इसलिए कि उन पर मुकदमा चल रहा था, इसका मतलब यह नहीं है कि वे दोषी थे। (भाजपा नेता) साध्वी प्रज्ञा सिंह क्या थीं? वह एक विचाराधीन थीं और फिर भी उन्हें सांसद बनाया गया।’’ उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के 1,000 से अधिक लोग अभी भी देश की विभिन्न जेलों में बंद हैं।

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Web Title: Efforts are being made to destroy brotherhood, communal harmony: Mehbooba

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