कोच्चि (केरल), 18 दिसंबर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू के पास कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति गोपीनाथ रवींद्रन के सेवा विस्तार की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखने का कोई अधिकार नहीं है।
यहां हवाई अड्डे पर शुक्रवार रात को मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के चयन को लेकर राजनीति की जाती है।
उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के पद से इस्तीफा देने के उनके फैसले में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे माहौल में काम नहीं कर सकता जहां मुझे लगता है कि विश्वविद्यालय के कामकाज में बहुत ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप है और विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पूरी तरह से खत्म की जा रही है। टकराव तब पैदा होता है जब आप किसी अन्य के अधिकार के खिलाफ अपना दावा जताते हैं।’’
खान ने कहा, ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि आप एक अध्यादेश लेकर आए, आप कुलाधिपति बने, किसी को भी कुलाधिपति बनने दें लेकिन मेरे लिए इस तरह की राजनीतिक दखलअंदाजी देखना संभव नहीं है...मैंने पहले ही यह कहा है।’’
कुलपति की पुन: नियुक्ति को लेकर पत्र लिखने के लिए बिंदू की आलोचना करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘मंत्री के पास राज्यपाल को पत्र लिखने का कोई अधिकार नहीं है। केवल खोज समिति के पास कुलपति के चयन का अधिकार है। मंत्री को जवाब देना मेरा काम नहीं है।’’
गौरतलब है कि राज्यपाल और कांग्रेस समेत विपक्षी दल कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति के तौर पर रवींद्रन की पुन: नियुक्ति में बिंदू के कथित हस्तक्षेप को लेकर वाम सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
हाल में केरल उच्च न्यायालय ने कुलपति के पद पर रवींद्रन की पुन: नियुक्ति के खिलाफ एक याचिका खारिज कर दी थी। कांग्रेस ने एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ का रुख किया है।
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