महाराष्ट्र के मेडिकल छात्रों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट 10 जून को सुनवाई करेगा। छात्रों ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह अपने पहले के आदेश को संशोधित करे, जिस पर कोर्ट सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए फिर से काउंसलिंग कराई जाए।
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि मेडिकल और डेंटल कॉलेज में पीजी के कोर्स में एडमिशन के लिए आने वाले सभी आवेदकों की फिर से काउंसलिंग हो। ये फैसला समर वेकेशन में बैठ बेंच ने दिया था। सुप्रीम कोर्ट इस बार पहली दफा समर वेकेशन में भी सुनवाई कर रही है।
आर्थिक तौर से कमजोर वर्ग के लिए दस फीसद आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया के लिए 4 जून तक तारीख बढ़ाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस बात की चेतावनी भी दी थी कि राज्य सरकार पर कोर्ट के अवमानना का मामला लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एडमिशन प्रक्रिया की तारीख 31 मई से बढ़ाकर 4 जून तक कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की सरकार को ये भी निर्देश दिए थे कि EWS के तहत एडमिशन रद्द हो जाने के बाद ओपन कैटेगरी में ये सीट आ जाते हैं इसलिए मेरिट लिस्ट फिर से तैयार की जाए। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर राज्य सरकार इस आदेश का पालन नहीं करना चाहती है तो अतिरिक्त सीटों के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास जा सकती है।