चुनाव आयोग ने दलों का पंजीकरण रद्द करने के अधिकार के लिए कानून में बदलाव पर बल दिया
By भाषा | Updated: September 8, 2021 21:01 IST2021-09-08T21:01:36+5:302021-09-08T21:01:36+5:30

चुनाव आयोग ने दलों का पंजीकरण रद्द करने के अधिकार के लिए कानून में बदलाव पर बल दिया
नयी दिल्ली, आठ सितंबर चुनाव आयोग (ईसी) ने ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण समाप्त करने का अधिकार दिए जाने के लिए चुनावी कानून में परिवर्तन पर फिर से जोर दिया है जो चुनाव नहीं लड़ रहे तथा निष्क्रिय हैं।
चुनाव आयोग सूत्रों ने बताया कि आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले हफ्ते यहां कानून मंत्री किरन रिजीजू के साथ इस मुद्दे के अलावा विभिन्न चुनावी सुधारों पर चर्चा की थी।
चुनाव सुधारों से जुड़े कई प्रस्ताव सरकार के पास लंबित हैं। चुनाव आयोग को किसी राजनीतिक दल को पंजीकृत करने का अधिकार है, लेकिन चुनाव संबंधी कानून के तहत उसे किसी भी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार नहीं है।
किसी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार प्राप्त करने की उसकी मांग वर्षों से कानून मंत्रालय के पास लंबित है।
चुनाव आयोग ने एक समय विभिन्न दलों की पहचान की थी जिन्होंने 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है और उनमें से 200 से अधिक को ‘सूची से हटाया’ था। आयोग को संदेह है कि इनमें से अधिकर पार्टियां लोगों से दान स्वीकार करके उनके काले धन को सफेद बनाने में मदद के लिए कागजों पर मौजूद हैं।
चुनाव आयोग में करीब 3000 पंजीकृत राजनीतिक दल हैं। उनमें से आठ दलों की मान्यता राष्ट्रीय दल के रूप में है जबकि 53 दलों की मान्यता राज्य स्तरीय दल के रूप में है।
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