पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद: भारतीय सेना ने गलवान घाटी में तैयार किया वह पुल, जिसे रोकना चाहता था चीन

By अनुराग आनंद | Updated: June 19, 2020 17:20 IST2020-06-19T17:17:50+5:302020-06-19T17:20:55+5:30

गलवान नदी पर इस पुल के बनने से संवेदनशील सेक्टर में भारत की स्थिति बेहद मजबूत हो गई है।

East Ladakh Border Dispute: Indian Army built the bridge in the Galvan Valley, which China wanted to stop | पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद: भारतीय सेना ने गलवान घाटी में तैयार किया वह पुल, जिसे रोकना चाहता था चीन

गलवान घाटी में बढ़ाई गई सेनाओं की संख्या (फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय सेना के लिए सीमा की सुरक्षा के लिहाज से इस पुल का काफी अधिक महत्व है।इस पुल के निर्माण के बाद 255 किलोमीटर लंबे स्ट्रैटिजिक डीबीओ रोड की सुरक्षा करना आसान होगा।भारतीय सेना द्वारा इस पुल के निर्माण से चीनी सेना काफी गुस्से में है।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सीमा पर अब भी तनाव जारी है। आज (शुक्रवार) लद्दाख में भारतीय सेना के लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरा है। इस बीच एक अच्छी खबर यह आ रही है कि चीन गलवान घाटी में जिस पुल के निर्माण को रोकने का प्रयास कर रहा था, भारतीय सेना ने उसे तैयार कर लिया है।

एचटी रिपोर्ट की मानें तो गलवान घाटी में सेना के इंजिनीयर्स ने 60 मीटर लंबे उस पुल का निर्माण पूरा कर लिया है, जिसे चीन रोकना चाहता था। गलवान नदी पर बने इस पुल से संवेदनशील सेक्टर में भारत की स्थिति बेहद मजबूत हो गई है। इस पुल की मदद से अब सैनिक नदी वाहनों के साथ आरपार जा सकते हैं।

भारतीय सेना के जवानों के लिए क्यों खास है यह पुल-

बता दें कि भारतीय सेना के लिए सीमा की सुरक्षा के लिहाज से इस पुल का काफी अधिक महत्व है। दरअसल, इस पुल के निर्माण के बाद 255 किलोमीटर लंबे स्ट्रैटिजिक डीबीओ रोड की सुरक्षा करना भारतीय सेना के जवानों के लिए आसान हो जाएगा। दरअसल, यह सड़क दरबुक से दौलत बेग ओल्डी में भारत के आखिरी पोस्ट तक जाती है, जो काराकोरम के पास है। 

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यही वजह है कि भारतीय सेना द्वारा इस पुल के निर्माण से चीनी सेना काफी गुस्से में है। चीन की सेना किसी भी तरह से इस पुल के निर्माण को रोकना चाहती है। सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि पुल का काम पूरा कर लिया गया है। अब इस पुल को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना के इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं।

चीन ने 10 जवानों को किया गया रिहा-

सोमवार की रात को चीन सीमा पर गलवान वैली में दोनों सेनाओं के बीच हुई खूरेंजी झड़पों के बाद चीनी सेना द्वारा बंधक बनाए गए दो अफसरों व 8 जवानों की कल देर रात को हुई रिहाई पर भारतीय सेना ने खामोशी अख्तियार कर ली है। वह इन खबरों का न ही खंडन कर रही है न ही पुष्टि। हालांकि कल दोपहर को उसने एक बयान जारी कर दावा किया था कि कोई भारतीय सैनिक चीनी कब्जे में नहीं है।

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पर मिलने वाली खबरें कहती हैं कि 1962 के युद्ध के बाद पहली बार चीनी सेना ने सोमवार रात की खूरेंजी लड़ाई के दौरान ‘बंधक’ बनाए गए भारतीय सैनिकों में से 10 को कल तभी रिहा किया जब दोनों मुल्कों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई। बताया जाता है कि रिहा किए जाने वालों में भारतीय सेना के दो मेजर रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं और 8 अन्य रैंक के हैं। याद रहे इस समाचार पत्र ने इसके प्रति खबर मंगलवार को ही दे दी थी कि चीनी सेना के कब्जे में भारतीय सेना के कुछ अफसर और जवान हैं।

Web Title: East Ladakh Border Dispute: Indian Army built the bridge in the Galvan Valley, which China wanted to stop

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