NMC बिल के खिलाफ डॉक्टरों का 'अनोखा' विरोध प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल वापस लेने की अपील की

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2019 14:37 IST2019-08-02T14:37:52+5:302019-08-02T14:37:52+5:30

लोकसभा में 29 जुलाई को ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी। सरकार ने इस पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एनएमसी विधेयक निहित स्वार्थी तत्वों का विरोधी है जिसमें राज्यों के अधिकारों को बनाये रखते हुए एकल खिड़की वाली मेधा आधारित पारदर्शी नामांकन प्रक्रिया को बढ़ावा देना सुनिश्चित किया गया है।

doctors protest against NMC Bill 2019, Health Minister Harsh Vardhan Appealed to end protest | NMC बिल के खिलाफ डॉक्टरों का 'अनोखा' विरोध प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल वापस लेने की अपील की

NMC बिल के खिलाफ डॉक्टरों का 'अनोखा' विरोध प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल वापस लेने की अपील की

Highlights केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात कर उनको विरोध प्रदर्शन वापस लेने को कहा। आईएमए देश में डॉक्टरों और छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं।

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ( National Medical Commission) विधेयक को पारित किए जाने के विरोध में आईएमए ने बुधवार (31 जुलाई)  से देश में हड़ताल का आह्वान किया है। इसी बीच आज (2 अगस्त)  दिल्ली के रेसिडेंट डॉक्टर ने AIIMS पर आरोप  लगाया है कि वो NMC बिल-2019 बिल के खिलाफ कोई ठोक एक्शन नहीं ले रहे हैं। देश भर के डॉक्टर इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर पेपर और आला में ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात कर उनको विरोध प्रदर्शन वापस लेने को कहा। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मीडिया को बताया, "मैंने डॉक्टरों से मिलकर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर उनकी गलतफहमियां दूर कीं। उन्हें समझाया है कि यह बिल सिर्फ देशहित में नहीं, डॉक्टरों और मरीजों के भी हित में हैं। उनसे हड़ताल खत्म करने की अपील की है।" हालांकि डॉक्टरों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मिलने के बाद भी विरोध को वापल लेने की बात नहीं की है। 

आईएमए देश में डॉक्टरों और छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं। इसने अपनी स्थानीय शाखाओं में प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आह्वान किया है और आईएमए के साथ एकजुटता दिखाने के लिए छात्रों से कक्षाओं के बहिष्कार का अनुरोध किया है। इसने एक बयान में चेतावनी दी है कि अगर सरकार ‘‘उनकी चिंताओं के प्रति उदासीन रही’’ तो वे अपना प्रदर्शन तेज कर देंगे।

29 जुलाई को लोकसभा में पास हुआ  ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’

लोकसभा में 29 जुलाई को ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी। सरकार ने इस पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एनएमसी विधेयक निहित स्वार्थी तत्वों का विरोधी है जिसमें राज्यों के अधिकारों को बनाये रखते हुए एकल खिड़की वाली मेधा आधारित पारदर्शी नामांकन प्रक्रिया को बढ़ावा देना सुनिश्चित किया गया है। निचले सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक संघीय स्वरूप के खिलाफ है।

‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ के का लक्ष्य 

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि आयुर्विज्ञान शिक्षा किसी भी देश में अच्छी स्वास्थ्य देखरेख प्राप्त करने के लिये महत्वपूर्ण है । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसद की एक स्थायी समिति ने अपनी 92वीं रिपोर्ट में आयुर्विज्ञान शिक्षा और चिकित्सा व्यवसाय की विनियामक पद्धति का पुनर्गठन और सुधार करने के लिये तथा डा. रंजीत राय चौधरी की अध्यक्षता वाले विशेष समूह द्वारा सुझाए गए विनियामक ढांचे के अनुसार भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद में सुधार करने के लिये कदम उठाने की सिफारिश की। 

विधेयक में चार स्वशासी बोर्डो के गठन का प्रस्ताव किया गया है। इसमें स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर अतिविशिष्ट आयुर्विज्ञान शिक्षा में प्रवेश के लिये एक सामान्य राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश (नीट) परीक्षा आयोजित करने की बात कही गई है। इसमें चिकित्सा व्यवसायियों के रूप में चिकित्सा व्यवसाय करने हेतु एवं राज्य रजिस्टर और राष्ट्रीय रजिस्टर में नामांकन के लिये एक राष्ट्रीय निर्गम (एक्जिट) परीक्षा आयोजित करने की बात कही गई है । इसमें भारत में और भारत से बाहर विश्वविद्यालयों और आयुर्विज्ञान संस्थाओं द्वारा अनुदत्त चिकित्सा अर्हताओं की मान्यता तथा भारत में ऐसे कानून एवं अन्य निकायों द्वारा अनुदत्त चिकित्सा अर्हताओं को मान्यता प्रदान करने की बात कही गई है । इसमें सरकारी अनुदानों, फीस, शास्तियों और प्रभारों को जमा करने के लिये राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग निधि गठित करने की भी बात कही गई है। (पीटीआई इनपुट के साथ) 
 

Web Title: doctors protest against NMC Bill 2019, Health Minister Harsh Vardhan Appealed to end protest

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