द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार ने कहा- 'बीजेपी केवल 'गौ मूत्र' वाले राज्यों में चुनाव जीतती है', बयान से खड़ा हुआ विवाद
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 5, 2023 05:21 PM2023-12-05T17:21:24+5:302023-12-05T17:22:48+5:30
डीएमके सांसद ने संसद में कहा, "इस बीजेपी की ताकत मुख्य रूप से हिंदी के गढ़ राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन्हें हम आम तौर पर गौमूत्र राज्य कहते हैं।"
Parliament Winter Session: द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार ने मंगलवार को उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने हिंदी पट्टी के राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा केवल "गौमूत्र" राज्यों में चुनाव जीतती है। सेंथिल कुमार मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत का जिक्र कर रहे थे।
डीएमके सांसद ने संसद में कहा, "इस बीजेपी की ताकत मुख्य रूप से हिंदी के गढ़ राज्यों में चुनाव जीतना है, जिन्हें हम आम तौर पर गौमूत्र राज्य कहते हैं।"अपने संबोधन में सेंथिल कुमार ने दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा की विफलताओं को उजागर किया।
#WATCH | Winter Session of Parliament | DMK MP DNV Senthilkumar S says "...The people of this country should think that the power of this BJP is only winning elections mainly in the heartland states of Hindi, what we generally call the 'Gaumutra' states..." pic.twitter.com/i37gx9aXyI
— ANI (@ANI) December 5, 2023
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि सेंथिल कुमार ने हिंदी पट्टी के राज्यों को गौमूत्र राज्य कहा है। 2022 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए भी डीएमके सांसद ने 'गौ मूत्र' शब्द का इस्तेमाल किया था। हालांकि द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार के बयान पर अब सियासी बवाल भी छिड़ गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सेंथिल कुमार के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल को इस पर अपना मत प्रकट करना चाहिए।
बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही उदयनिधी स्टालिन के सनातन पर दिए बयान से खूब सियासी हंगामा हुआ था। अब द्रमुक सांसद सेंथिल कुमार के बयान के बाद बीजेपी एक बार फिर हमलावर है। हिंदी पट्टी के राज्यों में भाजपा सेंथिल कुमार के बयान को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और इससे लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के लिए असहज स्थिति भी पैदा हो सकती है।