"डीएमके 'भ्रष्टाचारियों' का अड्डा है, माफी मांगे तमिनाडु की जनता से", भाजपा नेता अन्नामलाई ने ए राजा पर ईडी की कार्रवाई के बाद कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 11, 2023 02:36 PM2023-10-11T14:36:59+5:302023-10-11T14:40:17+5:30
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने डीएमके सांसद ए राजा की संपत्तियों को कब्जे में लेने के बाद आरोप लगाया कि सूबे की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके 'भ्रष्टाचार का अड्डा' बनी गई है।
चेन्नई: तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बीते मंगलवार को डीएमके सांसद ए राजा की संपत्तियों को कब्जे में लेने के बाद आरोप लगाया कि सूबे की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके 'भ्रष्टाचार का अड्डा' बनी गई है।
इसके साथ ही भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने आगे कहा कि डीएमके को उन लोगों से माफी मांगना चाहिए, जिन्होंने उन्हें वोट दिया है और उनकी सरकार बनवाई।
अन्नामलाई ने कहा, "डीएमके भ्रष्टाचारियों का अड्डा बनी हुई है। डीएमके के 11 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामले अदालत में लंबित हैं। डीएमके को तमिलनाडु की जनता के सामने झुकना चाहिए और जिन लोगों ने उन्हें वोट दिया है, उसे लगातार धोखा देने के लिए माफी मांगनी चाहिए।"
भाजपा प्रमुख ने आगे कहा, "साल 2011 में टाइम मैगजीन ने ए राजा को विशेषाधिकार प्राप्त नेताओं के अपमानजनक क्लब में सूचीबद्ध किया था, जिन्होंने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया था। डीएमके के लिए वह वाकई गर्व का क्षण रहा होगा क्योंकि उसके कई संस्थापक नेता भ्रष्टाचार के बावजूद टाइम मैगजीन में अपना नाम पाने में कामयाब नहीं हो सके।"
उन्होंने कहा, "प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है कि डीएमके नेता ए राजा ने साल 2004-2007 के बीच पर्यावरण मंत्री रहते हुए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और कई परियोजनाओं में पर्यावरण मंजूरी देने के बदले में रिश्वत ली।"
मालूम हो कि ईडी ने बेनामी कंपनी कोवई शेल्टर्स प्रमोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर कथित तौर पर डीएमके सांसद ए राजा की 15 अचल संपत्तियों को सीज किया है।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की जांच के दौरान पाया कि डीएमके मंत्री ए राजा ने पर्यावरण और वन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुरुग्राम स्थित एक रियल एस्टेट कंपनी को पर्यावरण मंजूरी दी थी।
इसके अलावा ईडी ने जांच में यह भी पाया कि रियल एस्टेट कंपनी ने साल 2007 के आसपास भूमि कमीशन आय की आड़ में हरित मंजूरी देने के लिए ए राजा को रिश्वत दी थी। एजेंसी ने कहा कि इस कारण से उसने ए राजा की कोयंबटूर में खरीदी गई 55 करोड़ रुपये की 45 एकड़ जमीन को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।