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'अलग देश की मांग' विवाद में अब डीके शिवकुमार ने कहा- 'दक्षिण के लिए नहीं की गई कोई बड़ी बजट घोषणा'

By रुस्तम राणा | Updated: February 1, 2024 20:02 IST

एएनआई ने शिवकुमार के हवाले से कहा, "डीके सुरेश या किसी अन्य नेता ने दक्षिण भारत के दर्द के बारे में बात की है... एक संतुलन होना चाहिए। पूरा देश एक है... आप केवल हिंदी बेल्ट को नहीं देख सकते... इस बजट में, वित्त का समान वितरण नहीं।''

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ठळक मुद्देडीके शिवकुमार ने कहा, डीके सुरेश या किसी अन्य नेता ने दक्षिण भारत के दर्द के बारे में बात की हैराज्य के डिप्टी सीएम ने कहा, आप (केंद्र) केवल हिंदी बेल्ट को नहीं देख सकतेकांग्रेस नेता ने कहा, इस बजट में, वित्त का समान वितरण नहीं

बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद डीके सुरेश की विवादास्पद 'अलग राष्ट्र' टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत के दक्षिणी राज्यों के लिए कोई महत्वपूर्ण घोषणा नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार "हिंदी-बेल्ट" राज्यों की ओर नहीं देख सकती। एएनआई ने शिवकुमार के हवाले से कहा, "डीके सुरेश या किसी अन्य नेता ने दक्षिण भारत के दर्द के बारे में बात की है... एक संतुलन होना चाहिए। पूरा देश एक है... आप केवल हिंदी बेल्ट को नहीं देख सकते... इस बजट में, वित्त का समान वितरण नहीं।''

शिवकुमार ने दावा किया कि राष्ट्रीय खजाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद कर्नाटक को केंद्र सरकार से ज्यादा राजस्व नहीं मिल रहा है। राज्य के डिप्टी सीएम ने कहा, "कर्नाटक केंद्र को बहुत सारा राजस्व दे रहा है... पूरे दक्षिण भारत के लिए, कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है... हमें लगता है कि हमें निराश किया गया है। लेकिन पूरा देश एक है। हम भारतीय हैं। भारत को एकजुट होना चाहिए। क्षेत्रवार कुछ भी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।''

केंद्र सरकार द्वारा संसद में अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद बेंगलुरु से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने दावा किया कि दक्षिणी राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया, "यह चुनावी बजट है। अंतरिम बजट में केवल नाम बदले गए हैं। उन्होंने योजनाओं के कुछ संस्कृत नाम और हिंदी नाम पेश किए हैं। केंद्र दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का उचित हिस्सा नहीं दे रहा है। दक्षिण भारतीय राज्यों को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणी राज्यों से एकत्र किया गया धन उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है।'' 

उन्होंने आगे कहा,"अगर ऐसा ही चलता रहा, तो हम एक अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। केंद्र को हमसे 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक मिल रहे हैं और बदले में हमें जो मिल रहा है वह नगण्य है। हमें इस पर सवाल उठाना होगा। अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो सभी दक्षिणी राज्यों को अलग राष्ट्र की मांग के लिए अपनी आवाज उठानी होगी।"

टॅग्स :DK ShivakumarबजटBudget
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