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बीजेपी के 'नाराज' ओबीसी नेता एकनाथ खड़से के घर जुटे, पार्टी पर लगाया 'यूज एंड थ्रो' की तरह इस्तेमाल का आरोप

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 6, 2019 09:02 IST

BJP OBC leaders: बीजेपी के नाराज ओबीसी नेताओं ने एकनाथ खड़से से मुलाकात की और अपने लिए दिशा तय करने की अपील की

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ठळक मुद्देबीजेपी के नाराज ओबीसी नेताओं ने की एकनाथ खड़से से मुलाकातओबीसी नेताओं ने लगाया बीजेपी द्वारा उनसे नाइंसाफी का आरोप

प्रमोद गवली, मुंबई। भाजपा द्वारा ओबीसी समाज के नेताओं को दरकिनार किए जाने की वजह से राज्य के नाराज पार्टी नेताओं ने आज पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से के घर बैठक की। इतना ही नहीं भाजपा में पिछड़ा वर्ग के साथ हो रहे अन्याय को लेकर खुलकर चर्चा की गई।

बैठक के दौरान नाराज नेताओं ने खड़से से ओबीसी समुदाय का नेतृत्व करने और नए सिरे से रणनीति तैयार करने की अपील की। बता दें कि भाजपा के भीतर सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. क्योंकि हासिए पर भेजे गए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अब खुलकर अपनी नाराजगी बयां करना शुरू कर दिया है। पंकजा मुंडे समेत कई नेताओं का खड़से के घर जुटना इसी सिलसिले की एक कड़ी है। 

खड़से ने लगाया, ओबीसी नेताओं से नाइंसाफी का आरोप

हाल के एक-दो दिनों पहले ही एकनाथ खड़से ने पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाया था कि पार्टी में ओबीसी नेताओं के साथ नाइंसाफी की जा रही है। उन्हें राजनीतिक पटल से हटाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी नीति के तहत उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उनकी बेटी रोहिणी को हराया गया। इसी तरह पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को भाजपा के ही लोगों ने हराने का काम किया। यदि ओबीसी समाज को अलग-थलग नहीं किया गया होता भाजपा अपने दम पर सरकार बना सकती थी। 

उनके इस बयान के बाद पंकजा मुंडे ने खड़से से मुलाकात की और यह साफ हो गया कि उनका निशाना देवेंद्र फडणवीस की ओर है। इसी संदर्भ में पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे, कोली (बुनकर) समाज के नेता जे.डी. तांडेल, वंजारी समाज के नेता अरुण खरमाटे, कुनबी समाज के नेता भूषण बड़े और दशरथ पाटिल ने खड़से से मिलकर भाजपा द्वारा अपनाई जा रही नीति के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।

दशरथ पाटिल ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का रवैया अन्यायकारक है। खड़से ने उन्हें बताया कि ओबीसी के सभी नेता इकट्ठा बैठकर निर्णय करेंगे। भाजपा ने ओबीसी आरक्षण का काफी नुकसान किया है ओबीसी समुदाय को साथ लाएंगे बैठक के बाद शेंडगे ने बताया कि खड़से ने वर्षों तक काम करते हुए उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा की पैठ जमाई। इसके बावजूद उनके साथ अन्याय किया गया। 

'ओबीसी समाज बीजेपी के व्यवहार से आहत'

उनके साथ जो किया गया इससे पहले अन्य ओबीसी नेताओं के साथ भी किया जा चुका है। राज्य में ओबीसी समाज भाजपा के बर्ताव से आहत है। इसे रोकना होगा। पिछले पांच सालों में भाजपा सरकार ने ओबीसी का बड़ा नुकसान किया। नौकरियों और शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की राह मुश्किल कर दी। हमने खड़से से आग्रह किया कि वे सत्ता में ओबीसी की भागीदारी को लेकर सभी ओबीसी नेताओं को एकत्र करें। एक दिशा तय करनी होगी। 

भाजपा के नेतृत्व ने दिवंगत ओबीसी नेता गोपीनाथ मुंडे को वर्ष 2011 में हटाने का प्रस्ताव तक लाया था, जिसका हम 40 विधायकों ने जमकर विरोध किया था। फिर सेठजी-भटजी की पार्टी बनेगी तांडेल ने कहा कि मुंडे और खड़से जैसे नेताओं ने भाजपा का ओबीसीकरण किया और वर्ष 2014 में सत्ता दिलाई। इसके बावजूद खड़से और पंकजा मुंडे के खिलाफ कई आरोप लगाए गए। 

उनके आरोपों के पीछे कौन है, यह सभी को पता चल चुका है। भाजपा इन नेताओं को यूज एंड थ्रो की तरह इस्तेमाल कर रही है। ओबीसी नेताओं को समय-समय पर अपमानित किया गया। यदि ऐसा ही चलता रहा भाजपा वापस 'सेठजी-भटजी' (बनियों-ब्राह्मणों) की पार्टी बनकर रह जाएगी।

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)महाराष्ट्र
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