कोबरापोस्ट का दावाः DHFL में हुआ 31 हजार करोड़ का घोटाला, मालिकों ने बनाई निजी संपत्तियां

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 30, 2019 10:07 AM2019-01-30T10:07:48+5:302019-01-30T10:19:35+5:30

दीवान हाउजिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) के चेयरमैन कपिल वाधवान ने सभी आरोपों को नकारते हुए किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है। जानें क्या है पूरा मामला...

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कोबरापोस्ट का दावाः DHFL में हुआ 31 हजार करोड़ का घोटाला, मालिकों ने बनाई निजी संपत्तियां

Highlightsकोबरापोस्ट ने DHFL में 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का दावा कियाकंपनी के चेयरमैन कपिल वाधवान ने कोबरापोस्ट के आरोपों को खारिज करते हुए किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।

खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित वेबसाइट कोबरापोस्ट ने देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले के खुलासे का दावा किया है। कोबरापोस्ट ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दीवान हाउजिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) में 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का दावा किया है। न्यूज पोर्टल ने आरोप लगाया कि शैल कंपनियों को 31 हजार के लोन दिए गए जिनके आखिरी लाभार्थी कंपनी के प्रमोटर ही हैं। कंपनी के चेयरमैन कपिल वाधवान ने कोबरापोस्ट के आरोपों को खारिज करते हुए किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सारे लेन-देन कानूनी रूप से सही हैं। डीएचएफएल ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताया है।

कोबरापोस्ट का स्टिंग और जांच की मांग

कोबरा पोस्ट के स्टिंग के अनुसार दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) ने बैंकों से कुल 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया। बाद में कई फर्जी कंपनियों के माध्यम से उसने इसमें से कथित तौर पर 31,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। कोबरापोस्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि इसमें राजनीतिक चंदा देने समेत अन्य बातें बातें सामने आयी हैं जिनके सभी पहुलुओं पर यदि सरकार तत्काल जांच कराने में विफल रहती है तो यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करेगा। 

यशवंत सिन्हा ने अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। सिन्हा ने कहा कि इस घटना का खुलासा होने से सरकार के लाखों फर्जी कंपनियों को खत्म करने के दावे पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी नियामक और एजेंसियां इन खोटे सौदों को पकड़ने में नाकाम रही हैं।

बीजेपी को दिया चंदा

कोबरापोस्ट ने अपने खुलासे में दावा किया है कि डीएचएफएल की के चेयरमैन कपिल वाधवन और मेजॉरिटी मेंबर धीरज वाधवन की कंपनियां RKW Developers Private Limited, Skill Realtors Private Limited और Darshan Developers Private Limited ने बीजेपी को 19.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। न्यूज पोर्टल का आरोप है कि बीजेपी को चंदा देने में नियमों का पालन भी नहीं किया गया है।

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डीएचएफएल का पक्ष

डीएचएफएल ने एक बयान में बताया कि वह एक सूचीबद्ध कंपनी है। यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, राष्ट्रीय आवास बैंक और अन्य नियामकों की निगरानी में काम करती है। बयान में कहा गया है कि कोबरापोस्ट द्वारा की गई यह कार्रवाई कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाने की दुर्भावना से प्रेरित है जिससे कंपनी के शेयरों की कीमत प्रभावित होती है।

खुलासे के बाद शेयर में गिरावट

यह आरोप लगने के बाद से डीएचएफएल के शेयर में गिरावट जारी है। बीएसई पर कंपनी का शेयर मंगलवार को 8.01 प्रतिशत गिरकर 170.05 रुपये पर बंद हुआ। वहीं एनएसई पर यह 8.22 प्रतिशत घटकर 169.70 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। पिछले दो दिन में कंपनी का शेयर 18.71 प्रतिशत घटा है।

यहां देख सकते हैं कोबरा पोस्ट का वीडियोः-

English summary :
cobrapost website, popular for investigative journalism, has claimed the disclosure of the biggest financial scandal in the country. Cobrapost has claimed a scam worth over Rs 31 thousand crore in the Diwan Housing Finance Corporation (DHFL).


Web Title: dhfl scam cobrapost news Cobrapost exclusive Claims DHFL scam Off Rs 31,000 Cr

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