Dhanpur assembly seat by-election: त्रिपुरा में दो मार्च को मतगणना हुआ था। भाजपा नीत गठबंधन लगातार दूसरी बार सत्ता में आई थी। वाम और कांग्रेस गंठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली थी।
इस तरह से देखा जाए तो 13 दिन के बाद धानपुर सीट से जीत दर्ज करने वाले केंद्रीय सामाजिक और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। जनता पर फिर से बोझ बढ़ने की उम्मीद है। प्रोटेम स्पीकर बिनय भूषण दास ने कहा कि भौमिका का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
उन्होंने धानपुर के मतदाताओं को ‘अपेक्षाकृत’ कड़े मुकाबले में जीत सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया। एक समय इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार करते थे। विधानसभा में संवाददाताओं से भौमिक ने कहा,‘‘ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आलाकमान ने सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति दी। नियम मुझे सांसद और विधायक के तौर पर एक साथ काम करने की अनुमति नहीं देते। मैंने विधायक पद से आज इस्तीफा दे दिया।’’
भाजपा विधायक बिनॉय भूषण ने त्रिपुरा विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में शपथ ली
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक बिनॉय भूषण ने बुधवार को यहां राजभवन में त्रिपुरा विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष के रूप में शपथ ग्रहण की। पाणिसागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक दास को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने मुख्यमंत्री माणिक साहा और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों की मौजूदगी में विधानसभा के अस्थाई अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई।
दास ने बताया कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के नए सदस्य बृहस्पतिवार और शुक्रवार को शपथ ग्रहण करेंगे। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा के नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन तक सदन की कार्यवाही संचालित करेंगे। त्रिपुरा विधानसभा का अगला सत्र 24 मार्च से शुरू होगा।
इस संक्षिप्त सत्र के दौरान सदन में अंतरिम बजट पेश किया जाएगा, क्योंकि विधानसभा चुनावों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पूर्ण बजट तैयार नहीं किया जा सका था। भाजपा नेता माणिक साहा (70) ने आठ मार्च को दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। साहा के साथ रतनलाल नाथ, प्राणजीत सिंघा रॉय, सांतना चकमा, बिकाश देबबर्मा और सुक्ला चरण नोएटिया सहित आठ विधायकों ने मंत्री मद की शपथ ग्रहण की थी।